
पहाड़ का सच देहरादून।
उत्तराखंड में गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटों के अंतराल में सबसे अधिक 136 मिलीमीटर बारिश चंपावत जिले के टनकपुर में रिकॉर्ड की गई।मौसम विज्ञान केंद्र के बुधवार को समाप्त हुए सप्ताह के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में पूरे सप्ताह में समान्य से 19 फीसद ज्यादा बारिश हुई है। हालांकि, कुछ जिलों में औसत से बहुत कम वर्षा भी पिछले हफ्ते हुई।

बारिश के कारण यमुनोत्री हाईवे समेत पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगह सड़कें और विद्युत आपूर्ति अवरूद्ध है।देहरादून जिले में एहतियात के तौर पर स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में वीरवार को अवकाश रहा। हालांकि, यहां सुबह से बारिश नहीं हुई। राजधानी में एक व्यक्ति की बरसाती नदी में बहने से मौत हो गई। घटना के बाद गुरुवार दोपहर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी रायपुर क्षेत्र का दौरा किया। राज्य में सभी प्रमुख नदियां चेतावनी स्तर के आसपास अथवा उससे थोड़ा नीचे बह रही है।
बागेश्वर जिले में सामान्य से 682 और चमोली में 327 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई
उत्तराखंड में गुरुवार को सुबह तक 24 घंटों के दौरान सामान्य से 69 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है। इनमें सर्वाधिक 682 फीसद बागेश्वर जिले में, 327 प्रतिशत चमोली में और 283 प्रतिशत उत्तरकाशी जिले में दर्ज की गई। नैनीताल में 94 फीसद और ऊधम सिंह नगर जिले में 89 प्रतिशत बारिश इस दौरान औसत से अधिक पड़ी। रूद्रप्रयाग जिले में इस दौरान सबसे ज्यादा 34.4 मिलीमीटर बारिश जखोली में दर्ज हुई। उत्तरकाशी जिले में सबसे ज्यादा 88 मिलीमीटर बारिश डुंडा और उसके बाद 65 एमएम चिन्यालीसौड़ में रिकॉर्ड हुई। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में 40 एमएम, बड़कोट में 36 एमएम और पुरोला में 35 एमएम पानी बरसा।
नैनीताल जिले के हल्द्वानी में 101 एमएम बारिश, तो चमोली जिले में सबसे कम 3 एमएम जोशीमठ में
नैनीताल जिले में पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा 101 एमएम बारिश हल्द्वानी और 96 एमएम मुक्तेश्वर में दर्ज हुई। नैनीताल शहर में 29 मिमी बारिश हुई ।चमोली जिले में सबसे ज्यादा 32 एमएम बारिश थराली में हुई। पोखरी में 30 और चमोली में 28.6 मिलीमीटर बारिश हुई। जिले में सबसे कम 3 मिलीमीटर पानी जोशीमठ में बरसा। ऊधमसिंह नगर जिले में सर्वाधिक 78 मिलीमीटर बारिश खटीमा में दर्ज हुई। बाजपुर में 40 एमएम, जसपुर में 33 एमएम, रूद्रपुर में 31 एमएम और गदरपुर में 26 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी में 88 मिमी., तेजम में 60.2 और धारचूला में 54.02 मिमी. बारिश 24 घंटों में दर्ज हुई।
लक्सर में 100 मिलीमीटर बारिश, तो हरिद्वार नगर में महज 10.5 एमएम
अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में 96 एमएम, बागेश्वर जिले के कपकोट में 124 मिमी. चंपावत जिले के टनकपुर में 136 मिमी और बनबसा में 72 मिमी., पौड़ी जिले के लैंसडौन में 38 मिमी., पौड़ी मुख्यालय में 35 मिमी. बारिश हुई। पौड़ी जिले में सबसे कम 2 मिमी. बारिश यमकेश्वर में रिकॉर्ड हुई। हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा 100 मिलीमीटर बारिश लक्सर में दर्ज हुई। हरिद्वार नगर में 10.5 एमएम बारिश हुई। टिहरी जिले में सबसे ज्यादा 80 मिलीमीटर बारिश मसूरी से सटे धनोल्टी क्षेत्र में हुई। नरेंद्रनगर में 74 एमएम, देवप्रयाग में 36 एमएम और टिहरी मुख्यालय में 21 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
देहरादून जिले में सर्वाधिक 130 एमएम पानी मसूरी और 118 एमएम हाथीबड़कला में बरसा, रायपुर रोड में नदी में बहा व्यक्ति
. देहरादून जिले में बुधवार रात जमकर पानी बरसा गुरुवार सुबह 8ः30 बजे तक बीते 24 घंटों की अवधि के दौरान मसूरी में 130 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई, जो जिले में सर्वाधिक और प्रदेश में दूसरे नंबर पर थी। मसूरी के बाद सबसे ज्यादा वर्षा राजधानी देहरादून के हाथीबड़कला में रिकॉर्ड हुई। यहां कुल 118 मिलीमीटर बारिश मापी गई। करनपुर में 106, यूकॉस्ट में 71.5, मोहकमपुर में 71.2, विकासनगर में 56, कालसी में 44 और चकराता में 34 और ऋषिकेश में 19.5 मिलीमीटर बारिश हुई।
राजधानी देहरादून में बुधवार रात भारी बारिश के कारण रायपुर रोड पर पुलिस थाने से बामुश्किल 50 मीटर आगे बरसाती नदी में उफान आने से एक व्यक्ति बह गया। सूचना मिलने पर थाना रायपुर पुलिस और एसडीआरएफ ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। नदी में कुछ दूर आगे वाणी विहार क्षेत्र में उक्त व्यक्ति का शव बरामद कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान चांदपुर बिजनौर निवासी 42 वर्षीय अनिल कुमार के रूप में हुई। वह यहां रायपुर क्षेत्र के ईश्वर विहार में रहता था।
मुख्यमंत्री ने रायपुर के अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया
गुरुवार दोपहर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रायपुर के अतिवृष्टि से प्रभावित कृषाली चौक, आटी पार्क, ननूरखेड़ा, आमवाला, तपोवन, शांति विहार का दौरा किया। उन्होंने लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्यायें सुनीं। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान जिला प्रशासन को प्रभावित लोगो को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने नियमित रूप से नालियों की सफाई करने और जल भराव वाले क्षेत्रों में ड्रेनेज की समुचित व्यवस्था किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतते हुए चेतावनी बोर्ड भी लगाए जाएं।
