

पहाड़ का सच/एजेंसी

नई दिल्ली। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष और ईरान-इजरायल युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। वैश्विक सुरक्षा स्थिति में बदलाव हो रहा है। अमेरिका का रुख पूरी दुनिया में तनाव बढ़ा रहा है।
रूस यूक्रेन संघर्ष के बाद ईरान-इजरायल के युद्ध ने पूरी दुनिया पर असर डाला है। दुनिया में चल रहे संघर्षों का असर विकसित देशों के साथ ही विकासशील देशों पर भी पड़ रहा है। इस बीच अमेरिका का रुख ने दुनिया भर की टेंशन बढ़ा दी है। ईरान के युद्ध में अमेरिकी हस्तक्षेप के साथ ही ट्रंप के टैरिफ से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में अस्थिरता देखने को मिल रही है। ट्रंप के रूख को लेकर अमेरिका के भीतर भी असंतोष देखने को मिल रहा है। इस बीच भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने इस सब स्थिति में अमेरिका को बड़ा कारक बताया है।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि आज वैश्विक सुरक्षा स्थिति में उतार-चढ़ाव है। दुनिया दो व्यवस्थाओं के बीच बदलाव कर रही है। इस अराजकता के बीच, अमेरिकी रुख ने जटिलता की एक अतिरिक्त परत जोड़ दी है, जिसे हम सभी जानते हैं। इसलिए, जहां तक राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है, दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा आर्थिक और व्यापार सुरक्षा के बारे में है।उन्होंने कहा कि एक लचीली और गतिशील अर्थव्यवस्था राष्ट्रीय शक्ति का आधार है, जो स्थिर विकास और सतत विकास सुनिश्चित करती है। सामाजिक और आंतरिक सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का एक और आयाम है। .सीडीएस चौहान ने कहा कि एक ऐसे देश के लिए जो बहुभाषी, बहुजातीय, बहुधार्मिक है, मुझे लगता है कि यह आंतरिक सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है और इसे किसी भी सामाजिक सुरक्षा संरचना का आंतरिक हिस्सा होना चाहिए।
भारत पर कैसे पड़ रहा असर
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि हिंद महासागर के देशों में आर्थिक संकट ने बाहरी शक्तियों को कर्ज कूटनीति के माध्यम से अपने प्रभाव का लाभ उठाने का मौका दिया है। इससे भारत के लिए कमजोरियां पैदा हुई हैं। इसी तरह, भू-राजनीतिक समीकरणों और वैचारिक विचारों में बदलाव के साथ दक्षिण एशिया में सरकार में बार-बार बदलाव एक और बड़ी चुनौती है जिसका हम सामना कर रहे हैं। इसी तरह, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हितों के संभावित बदलाव के बारे में हम बात कर सकते हैं। इसका क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा गतिशीलता के लिए सुरक्षा निहितार्थ हो सकते हैं । (साभार nbt)