
पहाड़ का सच देहरादून।

सरकार की ऑनलाइन रजिस्ट्री व्यवस्था के खिलाफ हजारों अधिवक्ताओं ने मोर्चा खोलते हुए देहरादून में सचिवालय घेरने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने रास्ते में ही बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया।
प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं का कहना है कि ऑनलाइन रजिस्ट्री से न सिर्फ उनकी रोजी-रोटी प्रभावित होगी, बल्कि आम जनता को भी तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। वहीं अधिवक्ताओं का कहना है कि हम सभी यूसीसी के विरोध में नहीं हैं। लेकिन यूसीसी में कुछ बदलाव की मांग है और बदलाव अधिवक्ताओं को साथ लेकर किया जाए।
देहरादून में आज वकीलों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रणाली के खिलाफ बार एसोसिएशन के नेतृत्व में वकीलों ने सचिवालय का घेराव करने की कोशिश की है। इस विरोध प्रदर्शन का असर पूरे प्रदेश में दिखा, जहां न्यायिक कार्य पूरी तरह ठप रही। इससे पहले शुक्रवार 6 जून को सभी अधिवक्ता हड़ताल पर रहे थे। हालांकि 6 जून को हड़ताल सब रजिस्ट्रार कार्यालयों, एडीएम और एसडीएम कार्यालयों तक सीमित रही।
देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि पांच मार्च को गढ़वाल मंडल के सभी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव और बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के सदस्यों ने बैठक की थी। इसमें उन सब विषयों पर चर्चा की गई, जिनसे अधिवक्ताओं के भविष्य पर खतरा है। इनमें प्रमुख तौर पर यूसीसी में अधिवक्ताओं की भूमिका नहीं रही। मसलन उनकी जरूरत न तो शादी के रजिस्ट्रेशन में है और न ही संपत्ति की वसीयत आदि में. यही नहीं, आगामी समय में सरकार ऑनलाइन रजिस्ट्री को लागू करने की बात कह रही है। इसमें भी अधिवक्ताओं का काम छिन जाएगा। इस दौरान प्रदर्शन में अधिवक्ताओं के अलावा, टाइपिस्ट, स्टांप वेंडर और बस्ते वाले भी शामिल हुए. इस दौरान विरोध का व्यापक असर दिखा. कोर्ट से जुड़ा कोई भी काम मंगलवार को प्रदेशभर में नहीं हुआ
वकीलों की हड़ताल के चलते कोर्ट परिसर सुनसान पड़ा रहा। वहीं सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जल्द उनकी मांगों को नहीं मानती है तो पूरे प्रदेश में रजिस्ट्री संबंधित कामकाज चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन हो, ठप रहेंगे।
