
लैब टू लैंड’ मॉडल से गांव-गांव पहुंचेगी वैज्ञानिक खेती

पहाड़ का सच देहरादून।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश के किसान से बड़ा कोई वैज्ञानिक नहीं है। कृषि मंत्री देहरादून के कौलागढ़ स्थित हिमालयन कल्चरल सेंटर में आयोजित ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत प्रदेशभर से आए किसानों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि खेत ही असली प्रयोगशाला है और किसान से बड़ा वैज्ञानिक कोई नहीं।उन्होंने बताया कि ‘लैब टू लैंड’ मॉडल के अंतर्गत देशभर में 16 हजार वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों से सीधा संवाद कर रही हैं। उत्तराखंड में ऐसी 75 टीमें कार्य कर रही हैं। वैज्ञानिक, कृषि विभाग के अधिकारी और प्रगतिशील किसान मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।
चौहान ने कहा कि उत्तराखंड में फसल सुरक्षा के लिए तारबाड़ की मांग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और इसे राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने उत्तराखंड के पारंपरिक फलों और अनाजों जैसे काफल, सेब, मंडुवा आदि की वैश्विक ब्रांडिंग, उत्तम बीज उत्पादन और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता जताई।
कृषि मंत्री ने किसानों से मृदा स्वास्थ्य कार्ड का प्रयोग कर मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार उर्वरकों के संतुलित उपयोग की अपील की। उन्होंने बताया कि वह 14 जून को एक बार फिर उत्तराखंड आएंगे और कृषि मेले में भाग लेकर किसानों से मिलेंगे।
इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी, कृषि सचिव सुरेंद्र नारायण पांडेय, महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, कुलपति मनमोहन सिंह चौहान, निदेशक त्रिवेणी दत्त सहित अनेक वैज्ञानिक उपस्थित रहे
