
10 जून को सचिवालय घेराव, राज्यभर के अधिवक्ताओं से समर्थन का आह्वान

पहाड़ का सच,देहरादून।
उत्तराखण्ड में लागू की गई समान नागरिक संहिता (UCC) और ऑनलाइन रजिस्ट्री अधिनियम 2025 को लेकर अधिवक्ता समाज में तीव्र असंतोष व्याप्त है।
अधिवक्ताओं का कहना है कि इन कानूनों के कुछ प्रावधान उनके हितों के विरुद्ध हैं और उनके पेशेवर अधिकारों को सीमित करते हैं।
इस संबंध में जिला बार एसोसिएशन देहरादून द्वारा दिनांक 3 जून 2025 को राज्य सरकार को पत्र भेजा गया था, जिसमें कानून के आपत्तिजनक प्रावधानों पर पुनर्विचार करने की मांग की गई थी।
उक्त पत्र के आधार पर बार काउन्सिल उत्तराखण्ड, नैनीताल ने 05 जून 2025 को एक वर्चुअल आकस्मिक आमसभा आयोजित की, जिसमें सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि जिला बार एसोसिएशन देहरादून के आह्वान पर 10 जून को दोपहर 12 बजे सचिवालय घेराव किया जाएगा।
बार काउन्सिल ने प्रदेश के सभी अधिवक्ताओं से आह्वान किया है कि वे अधिवक्ता हितों की रक्षा हेतु इस विरोध प्रदर्शन में भाग लें और देहरादून में आयोजित सचिवालय घेराव आंदोलन का समर्थन करें।
बार काउन्सिल का कहना है कि यदि समय रहते सरकार ने अधिवक्ताओं की चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया, तो विरोध को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
