
पहाड़ का सच देहरादून।
यूपीईएस विश्वविद्यालय ने भारतीय नौसेना के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य नौसैनिक कर्मियों और उनके परिवारों को शैक्षणिक और व्यावसायिक विकास के अवसर प्रदान करना है।
इस समझौते पर नौसेना वेलफेयर एंड वेलनेस एसोसिएशन (NWWA) की अध्यक्ष श्रीमती शशि त्रिपाठी, कमोडोर एसएम उरूज अथर (कमोडोर, नेवल एजुकेशन) और यूपीईएस के रजिस्ट्रार मनीष मदान ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारतीय सेना और वायुसेना के साथ यूपीईएस के पूर्व सहयोगों की श्रृंखला का हिस्सा है और देश की रक्षा सेनाओं के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस साझेदारी के अंतर्गत यूपीईएस नौसेना के सेवा में कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मियों, उनके जीवनसाथियों और बच्चों को कई तरह के शैक्षणिक कार्यक्रमों की सुविधा देगा। यह सुविधा उन परिवारों के लिए भी उपलब्ध होगी जिनके सदस्य ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए हैं या गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कार्यक्रमों में फुल-टाइम ऑन-कैंपस अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्स, कामकाजी पेशेवरों के लिए पार्ट-टाइम पीएचडी और प्रबंधन, विधि, प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में लचीले ऑनलाइन पाठ्यक्रम शामिल होंगे। साथ ही, इस सहयोग में संयुक्त शोध गतिविधियां और प्रबंधन विकास कार्यक्रम भी शामिल होंगे।
इस अवसर पर NWWA की अध्यक्ष श्रीमती शशि त्रिपाठी ने कहा, “यूपीईएस के साथ यह सहयोग हमारे नौसैनिक समुदाय के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नए द्वार खोलने वाला कदम है। इससे न केवल हमारे सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों बल्कि उनके परिवारों और विशेष रूप से वीर नारियों एवं उनके बच्चों को आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे। शिक्षा केवल व्यक्तिगत विकास का माध्यम नहीं, बल्कि परिवारों को सशक्त बनाने, नए रास्ते खोलने और समाज को मजबूत बनाने का जरिया है। यह समझौता इस बात की पुष्टि करता है कि नौसेना परिवार का हर सदस्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसरों का हकदार है।”
यूपीईएस के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य भरत खरबंदा ने कहा, “यह साझेदारी भारतीय नौसेना के समर्पण और साहस के प्रति हमारी श्रद्धांजलि है। हमें गर्व है कि हम अपनी शैक्षणिक क्षमताओं को राष्ट्र की सेवा करने वालों के लिए समर्पित कर पा रहे हैं।”
इस समझौते के तहत विश्वविद्यालय, मेरिट के आधार पर नौसैनिक कर्मियों के बच्चों को छात्रवृत्ति देगा, बशर्ते वे तय समयसीमा में दाखिला लें और शैक्षणिक योग्यता को पूरा करें। ऑनलाइन कोर्सेज में दाखिला लेने वाले नौसैनिक कर्मियों को 20% फीस में छूट और पात्रता मानदंड में 5% की छूट मिलेगी। जिनके पास प्रासंगिक कार्य अनुभव है, उनके प्रोजेक्ट वर्क की जगह वाइवा आधारित मूल्यांकन किया जा सकता है। छात्रों को वीकेंड लाइव कक्षाओं और रिकॉर्डेड सेशनों की सुविधा भी मिलेगी। ऑनलाइन परीक्षाएं दूरस्थ रूप से भी दी जा सकेंगी, जिससे देश-विदेश के प्रतिभागी इसका लाभ उठा सकेंगे।
जो नौसैनिक कर्मी पार्ट-टाइम पीएचडी करना चाहते हैं, उन्हें प्रति सेमेस्टर 50% ट्यूशन फीस में छात्रवृत्ति दी जाएगी। उन्हें यूपीईएस की ई-लाइब्रेरी की सीमित अवधि तक पहुँच भी दी जाएगी और अकादमिक दौरे के समय अतिथि गृह में ठहरने की सुविधा (उपलब्धता के अनुसार) मिल सकती है। यह समझौता भारतीय नौसेना की जरूरतों के अनुसार एयरोनॉटिक्स, इंजीनियरिंग, विज्ञान, लॉजिस्टिक्स, प्रबंधन और विधि जैसे क्षेत्रों में आगे के शोध और अकादमिक सहयोग का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। यूपीईएस नेतृत्व विकास कार्यक्रम, ज्ञान आदान-प्रदान और संयुक्त अनुसंधान के ज़रिए नौसेना की रणनीतिक प्राथमिकताओं में योगदान देगा।
