
– आपदा प्रबन्धन के नजरिए से पिटकुल के बिजली घर रहेंगे चाक चौबंद
– सभी अफसर रहेंगे अलर्ट मोड में,सामान्य अवकाश पर रोक: एमडी पीसी ध्यानी
– सभी बिजली घरों का आपदा प्रबंधन केंद्रों से रहेगा समन्यव
पहाड़ का सच देहरादून। पिटकुल की कार्य शैली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि निगम ने निर्धारित अवधि में अपने सभी लक्ष्य पूरे किए हैं। दूसरे निगमों को भी पिटकुल की कार्य शैली से सीख लेनी चाहिए।
आगामी मौसम व चार धाम यात्रा को देखते हुए उत्तराखंड पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन अलर्ट मोड में आ गया है। निगम के प्रबन्ध निदेशक पीसी ध्यानी ने सभी अधिकारियों को काम बांट दिए हैं और सामान्य अवकाश पर रोक लगा दी है। पिटकुल की कार्य शैली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि निगम ने निर्धारित अवधि में अपने सभी लक्ष्य पूरे किए हैं।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में आपदा की तैयारियों के सम्बन्ध में सम्पन्न समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशानुसार पीसी ध्यानी, प्रबन्ध निदेशक, पिटकुल द्वारा मानसून ऋतु से पूर्व आपदा की तैयारियों के सम्बन्ध में पारेषण तंत्र को किसी भी प्रकार से प्रभावित न होने के सम्बन्ध में निम्नवत दिशा-निर्देश पिटकुल के समस्त मुख्य अभियन्ताओं को निर्गत किये गये हैं।
सभी उपकेन्द्रों के नियन्त्रण कक्षों को सम्बन्धित जिले में स्थापित आपदा नियन्त्रण कक्षों से समन्वय स्थापित करने एवं सम्पर्क बनाये रखने हेतु निर्देशित किया जाता है।
.पिटकुल के नामित नोडल अधिकारी राज्य आपदा नियन्त्रण कक्ष से समन्वय स्थापित करें एवं सम्पर्क बनाये रखें।
.Emergency breakdown को attend करने हेतु विभिन्न खण्डों में वार्षिक अनुरक्षण अनुबन्ध (AMC) के माध्यम से पर्याप्त दक्ष मानव शक्ति (Efficient Man Power) की व्यवस्था कर ली जाये, जो 24×7 किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के लिए चौकस रहें एवं सभी उपसंस्थानों पर अनुबन्धित वाहनों की समुचित व्यवस्था कर ली जाये।
.प्रत्येक उपसंस्थान पर एक से ज्यादा सेवादाताओं के मोबाइल नम्बर की व्यवस्था हो। सुदृढ़ संवाद प्रणाली रखने हेतु प्रत्येक अधिकारी को 24×7 घंटे अपना मोबाइल फोन स्विच ऑन मोड पर रखने के निर्देशित किये जाए तथा किसी भी आकस्मिकता की सूचना अविलम्ब उच्चाधिकारियों, मुख्यालय तथा नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराने हेतु निर्देश जारी करें।
प्रत्येक विद्युत उपसंस्थान पर अग्निशमन यन्त्रों, हायड्रैण्ट सिस्टम एवं मल्सीफायर / NIFPS की क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाये। अग्निशमन विभाग, अग्निशमन अधिकारियों, नोडल अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों / NDRF के दूरभाष संख्या प्रत्येक नियन्त्रण कक्ष में प्रदर्शित हों।
.प्रत्येक उपकेन्द्रों में इन्डोर एवं आउटडोर लाईटिंग व्यवस्था को दुरस्त कर लिया जाये। प्रत्येक उपसंस्थानों पर आवश्यक T&Ps व आवश्यक spares की उपलब्धता बनाये रखें, साथ ही
.उपसंस्थानों में स्थापित उपकरणों का अनुरक्षण कार्य PTCUL O&M Manual के अनुसार कर लिये जाये।
.विभिन्न प्रकार के विद्युत पारेषण लाईनों के टावर पार्ट्स, डिस्क इन्सुलेटर्स, कण्डक्टर को बदलने व आवश्यकतानुसार मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया जाये।
.Line chart व नदी किनारे लगे टॉवरों के नम्बरों की सूची सम्बन्धित उपसंस्थान के नियन्त्रण कक्ष पर उपलब्ध रहेगी। अतिसंवेदनशील स्थानों, बाढ़, भू-स्खलन एवं वनाग्नि बाहुल्य स्थानों को चिन्हित करते हुये अनुश्रवण, पर्याप्त स्पेयर एवं मानवशक्ति का प्रबन्ध हो ताकि ब्रेकडाउन की स्थिति में त्वरित गति से दुरूस्त किया जा सके।
.प्रत्येक उपसंस्थान पर Drainage & Dewatering System को सुदृढ़ एवं क्रियाशील रखा जाये।
.उपसंस्थान पर अत्यधिक पानी भराव की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक पम्पिंग की व्यवस्था
एवं बाह्य एजेन्सी से समन्वय बनाये रखें।
.लाईनों में चिन्हित संवेदनशील टॉवरों को तेज बहाव से बचाव हेतु यदि आवश्यक हो तो spur/protection/guide wall बनाने हेतु निर्देशित किया जाये।
.लाईनों की preventive maintenance / gallery में आ रहे पेड़ों की कटाई-छटाई, पारेषण लाईनों की अवांछित ट्रीपिंग को न्यून करने हेतु सघन पैट्रोलिंग, थर्मोग्राफी एवं द्रोण सर्वे इत्यादि का कार्य मानसून से पूर्व ही पूर्ण कर लिया जाये।
.आकस्मिकता हेतु अन्य पारेषण यूटिलिटी पावर ग्रिड से समन्वय रखें जिससे कि आकस्मिक परिस्थिति मे ERS की व्यवस्था उपलब्ध हो सके।
.भारी वर्षा नहरों, नदियों के बहाव कटाव की स्थिति में अधिकारियों को कार्यस्थल पर हाई अलर्ट पर रहने के लिये निर्देशित किया जाये।
.प्रत्येक उपसंस्थान में स्थापित ड्रेनेज सिस्टम की नियमित सफाई करें एवं खामियों को दूर करने के लिये बाह्य एजेन्सियों से भी सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है।
.क्षेत्रीय अधिकारी एवं उपसंस्थान के इंचार्ज एसएलडीसी देहरादून के ग्रिड अधिकारियों से लगातार सम्पर्क में रहने एवं ग्रिड कोड का कड़ाई से पालन करने हेतु निर्देशित किया जाये।
.आपदा से क्षति की स्थिति में नियन्त्रण कक्षों को सूचना प्रेषित करना, परिसम्पत्तियों की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी, प्रशासन / राजस्व विभाग से निरीक्षण कर क्षति का आकलन सुनिश्चित कर लिया जाये।
