
– जलश्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण की उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक में मुख्य सचिव ने दिए निर्देश
– मानसून से पहले 200 ग्राम पंचायतों की जागरूकता के लिए कार्यशाला की जाए आयोजित
– सिंचाई अनुसंधान संस्थान को सौंपा नदियों की मॉनिटरिंग का कार्य
पहाड़ का सच देहरादून।
राज्य में जलस्रोत व नदियों के संवर्द्धन के बड़े प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे। इसके साथ ही नदियों की मॉनिटरिंग का कार्य सिंचाई अनुसंधान संस्थान को सौंपा गया है।
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में जलश्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण की उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने बड़े प्रोजेक्ट न आने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जलस्रोतों एवं नदियों के पुनरोद्धार की दिशा में सभी सम्बन्धित विभाग गंभीरता से लेते हुए कार्य करें।
उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय कार्यकारी समितियों की बैठके नियमित रूप से आयोजित की जाएं। सभी जनपदों में विकासखंड स्तर से 2 से 3 गांवों से जनप्रतिनिधि एवं इच्छुक लोगों को इसके प्रति जागरुकता के लिए मानसून से पूर्व कार्यशाला आयोजित की जाए।
उन्होंने कहा कि पहले चरण में 200 ग्राम पंचायतों को कार्यशाला में शामिल किए जाने का लक्ष्य रखा जाए। सभी सम्बन्धित संस्थानों को अपने लक्ष्य बढ़ाए जाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने सिंचाई और लघु सिंचाई विभाग को चेक डैम आदि बनाए जाने की दिशा में तेजी से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए बजट की समस्या नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने SARRA को प्राप्त प्रस्तावों में से शीघ्र कार्य शुरू किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने नैनीताल एवं टिहरी जनपद द्वारा इस दिशा में अच्छे कार्य की प्रशंसा करते हुए बाकी जनपदों को भी जलस्रोतों के संवर्द्धन की दिशा में गंभीरता से कार्य किए जाने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिए कि नदियों की मॉनिटरिंग के लिए सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की को नोडल एजेंसी बनाते हुए भूमिका एवं जिम्मेदारियां निर्धारित करते हुए एमओयू कर लिया जाए।
बैठक के दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी SARRA श्रीमती नीना ग्रेवाल ने प्रस्तुतीकरण दिया एवं अब किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।इस अवसर पर एपीसीसीएफ कपिल लाल, सचिव डॉक्टर आर. राजेश कुमार, विनोद कुमार सुमन जनपदों से जिलाधिकारी सहित सभी संबंधित विभाग एवं संस्थानों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
