
पहाड़ का सच देहरादून।
सीबीएसई अधीक्षक पद की भर्ती परीक्षा में दूसरे की जगह परीक्षा दे रहे एक साल्वर और इस फर्जीवाड़े की सेटिंग करने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, असली अभ्यर्थी गौतम कुमार पासवान फरार चल रहा है, जिसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।
वहीं एसएसपी अजय सिंह ने सोमवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि रविवार को परीक्षा के दौरान परीक्षा नियंत्रक टीम ने केंद्र अधीक्षक जयकृष्ण को सूचित किया कि एक अभ्यर्थी की बायोमेट्रिक पहचान मेल नहीं खा रही है। जांच के बाद पता चला कि परीक्षा में बैठा युवक गौतम कुमार पासवान नहीं, बल्कि आयुष कुमार पाठक है, जो बिहार का निवासी है और हाल में प्रयागराज में रहकर एसएससी की तैयारी कर रहा था। पूछताछ में आयुष ने बताया कि उसकी मुलाकात एक साल पहले प्रणव कुमार नामक व्यक्ति से हुई थी, जो झारखंड और बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं में ‘साल्वर’ बैठाकर युवाओं को पास कराने का ठेका लेता था। प्रणव ने आयुष को अपने गैंग में शामिल कर फर्जी परीक्षाओं में साल्वर के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया।
इस बार प्रणव कुमार ने गौतम को परीक्षा में पास कराने के लिए 10 लाख रुपये में सौदा तय किया था, जिसमें से 1.25 लाख रुपये एडवांस भी ले लिए गए थे। पुलिस ने प्रणव कुमार (46) को कौलागढ़ रोड से गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से गौतम से लिए गए एक लाख रुपये की नकदी भी बरामद कर ली।गिरफ्तार साल्वर आयुष कुमार पाठक (22) मूल रूप से रोहतास, बिहार का रहने वाला है, जबकि मास्टरमाइंड प्रणव कुमार राजगीर, नालंदा, बिहार का निवासी है। पुलिस ने बताया कि प्रणव पहले भी कई युवाओं को इस तरह फर्जी तरीके से पास करा चुका है।
फरार अभ्यर्थी गौतम कुमार पासवान निवासी धनबाद, झारखंड की तलाश जारी है। पुलिस पूरे रैकेट की जांच में जुटी है और अन्य संभावित साथियों की भी पड़ताल की जा रही है। मामले में नकल माफिया के नेटवर्क को लेकर शिक्षा विभाग और सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं।
