
– यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध भी पुलिस ने की प्रभावी कार्यवाही
– विगत वर्ष की तुलना में वर्ष 2025 में अब तक ड्रंक एंड ड्राइव में 4 गुना अधिक हुई कार्यवाही
पहाड़ का सच देहरादून।
सड़क सुरक्षा तथा यातायात सुधार की दिशा में देहरादून पुलिस के प्रयास से अच्छे नतीजे आ रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में 30 फीसद कमी है। इसी तरह ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों, शराब पीकर वाहन चलाने वालों व सड़क पर खुलेआम शराब पीने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की गई। एसएसपी अजय सिंह के नेतृत्व में दून पुलिस के सभी अभियान सफल रहे हैं।
दून पुलिस प्रवक्ता के अनुसार विगत वर्ष के शुरुआती 2 माह की तुलना में वर्ष 2025 के शुरुआती 2 माह में पुलिस द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की गई है। विगत वर्ष के शुरुआती 2 माह में पुलिस द्वारा डेंजरस/रैश/स्टंट ड्राइविंग/ओवर स्पीडिंग तथा गलत दिशा में वाहन चलाने वाले 811 वाहन चालकों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही करते हुए 272 वाहनों को सीज किया गया था। जबकि वर्ष 2025 के शुरूवाती 2 माह में 2430 वाहन चालकों के विरूद्ध चालान की कार्यवाही अमल में लाई गयी है तथा 1014 वाहनों को सीज किया गया।
शराब पीकर वाहन चलाने वाले 182 वाहन चालकों को पुलिस द्वारा वर्ष 2024 में गिरफ्तार कर सम्बन्धित वाहनों को सीज किया गया था, जबकि वर्ष 2025 में 2 माह में 852 वाहन चालकों को गिरफ्तार कर सम्बन्धित वाहनों को सीज किया गया है। यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध पुलिस द्वारा की जा रही सख्ती का असर सडक दुर्घटनाओं की संख्या में भी परिलक्षित हुआ है। वर्ष 2024 के शुरूआती 2 माह में हुई 91 सडक दुघर्टनाओं की तुलना में वर्ष 2025 के शुरूवाती 2 माह में केवल 65 सडक दुघर्टनाएं ही हुई।
सड़क दुर्घटनाओ में आयी कमी का एक मुख्य कारण पुलिस द्वारा सार्वजनिक स्थानो पर शराब पीने वालों के विरुद्ध लगातार की जा रही कार्रवाई भी है, विगत 6 माह के दौरान पुलिस द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने वाले 6127 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए उन्हें थाने लाया गया, जिनमें से अधिकतर व्यक्ति सड़क किनारे अपने वाहनों में बैठकर शराब पीते हुए पाए गए थे, पुलिस की कार्रवाई से शराब पीने के बाद वाहन चालकों के वाहन न चला पाने के परिणाम भी सड़क दुर्घटनाओं में आई कमी के रूप में परिलक्षित हुए है।
