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– विरोधियों को मिला मुद्दा, विसभा में भर्ती व ऋषिकेश में नेगी की पिटाई का मामला फिर उठा।
– पीसीसी अध्यक्ष माहरा, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल व रीजनल पार्टी ने मांगा मंत्री प्रेमचंद का इस्तीफा
पहाड़ का सच देहरादून।
” कहते हैं कि हो जाता है संगत का असर, पर कांटों को आज तक नहीं आया महकने का सलीका “* जी हां ! सत्ता में आने के बाद ऋषिकेश के विधायक व उत्तराखंड सरकार में संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल पर ये शेर फिट बैठता है। हैरत करने वाली बात ये है कि प्रेम के अपने सरकारी व निजी स्टाफ के बेड़े में 95 फीसद पहाड़ी लोगों की जमात है ,बावजूद इसके लगता है कि उन्होंने इस जमात से अभी तक शालीनता व मधुरता नहीं सीखी है। आज विधानसभा में भाजपा मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पर्वतीय समाज के प्रति की गई टिप्पणी इसी ओर इशारा करती है। उनकी टिप्पणी से आक्रोश भड़क गया।
प्रकाश थपलियाल
संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचन्द ने कहा कि पहाड़ में कोई मध्य प्रदेश से आया ,कोई राजस्थान से आया। पहाड़ में हैं कौन..देसी-पहाड़ी ..इसी पर बात हो जाय,, उत्तराखंड क्या पहाड़ के लोगों के लिए बना.. उत्तेजित मंत्री ने इस बीच असंसदीय शब्द का भी प्रयोग किया जो वीडियो में सुना जा सकता है।
कांग्रेस विधायक मदन विष्ट के मामले में जब आज विष्ट ने कहा कि वे और उनके कई विधायक साथी पहाड़ से आते हैं और गलत आरोप का सख्त विरोध करते हैं। संसदीय कार्य मंत्री ने विष्ट पर सदन में शराब पीकर आने का आरोप लगाया था। विष्ट आज उसी मामले में बोल रहे थे। इसी बात पर मंत्री अग्रवाल पहाड़ी-देसी के मुद्दे पर तल्ख लहजे में बोलते नजर आए। सदन के अंदर बोले गए अभद्र बोल पर विभिन्न संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा, पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पीसीसी की मुख्य प्रवक्ता गरिमा s
दसौनी, रीजनल पार्टी के अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल आदि ने शहरी विकास व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से माफी मांगने, इस्तीफा देने अथवा मुख्यमंत्री से बर्खास्त करने की मांग की है।
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