– साल 2022से चली आ रही है अदावत, दोनों गालीबाज नेताओं से जुड़े अन्य चर्चित मामले
– निर्दल विधायक उमेश शर्मा की सदस्यता पर स्पीकर का रुख अभी तक साफ नहीं
हैहाईकोर्ट ने चैंपियन-उमेश के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी मांगी, 30 जनवरी को पेश होंगे डीएम /एसएसपी
पहाड़ का सच नैनीताल।
हरिद्वार में निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा व पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की दबंगई, गाली गलौज फायरिंग की घटना पर नैनीताल हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने हरिद्वार के डीएम व एसएसपी को तलब कर दोनों का अपराधिक रिकॉर्ड भी मांगा है।
हाईकोर्ट ने दोनों के बीच सड़क और सोशल मीडिया में जारी जंग का स्वतः संज्ञान लेते हुए हरिद्वार जिले के डीएम व एसएसपी को 30 जनवरी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की अदालत ने दोनों नेताओं से जुड़े इस शर्मनाक प्रकरण पर स्वतः संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को गुरुवार को हाईकोर्ट में तलब किया है।
हरिद्वार जिले में गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को हुए सरेआम झगड़े के सभी सबूत प्रस्तुत करने को भी कहा है। अदालत ने आदेश दिया है कि उमेश कुमार व चैम्पियन के अपराधों , मुकदमों व हथियारों की पूरी डिटेल भी अदालत में प्रस्तुत की जाए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि 26 जनवरी को दोनों आरोपियों द्वारा मचाये गए बबाल से सम्बंधित सभी वीडियो फुटेज, अखबारों की कतरन, सोशल व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित सभी वीडियो फुटेज व तस्वीरों को भी प्रस्तुत किया जाए।
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया गया। कुछ दिन से दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ आग उगल रहे थे। खानपुर विधायक उमेश के आवास पर फायरिंग के मामले में पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है जबकि विधायक उमेश कुमार को निजी मुचलके पर बेल दे दी गयी है। उमेश कुमार ने शनिवार की रात चैंपियन के लंढोरा स्थित रंगमहल में जाकर चैंपियन को ललकारा था। चैंपियन की सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट के बाद उमेश समर्थक खुलेआम सड़क पर उतर आए थे।
इसके ठीक अगले दिन 26 जनवरी को चैंपियन ने चुनौती का जवाब दिनदहाड़े फायरिंग से दिया। विधायक के आवास पर कई राउंड गोली चली। दोनों तरफ से पथराव भी हुआ।
इस शर्मनाक प्रकरण में दोनों नेताओं और समर्थकों ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर मां बहन की गाली दी। इस दौरान पुलिस-प्रशासन कहीं नजर नहीं आया।
इस प्रकरण के बाद यदि प्रशासन विधायक उमेश कुमार के चैंपियन के आवास पर कूच को रोक देता या कूच के बाद आवश्यक सुरक्षात्मक कदम उठाता तो गणतंत्र दिवस पर चैंपियन व उनके समर्थकों की ओर से की गई ताबड़तोड़ फायरिंग पर भी अंकुश लग सकता था।
.शस्त्र लाइसेंस निलंबित
हंगामे के बाद हरिद्वार व देहरादून जिला प्रशासन ने विधायक व पूर्व विधायक के हथियारों के लाइसेंस निलंबित कर दिए। साथ ही दोनों को मिली सुरक्षा की भी समीक्षा की जा रही है।
गुर्जर समाज की महापंचायत
इस मामले में चैंपियन को जेल व उमेश कुमार को बेल मिलने के बाद गुर्जर महासभा ने 29 जनवरी को रुड़की में बुलाई महापंचायत स्थगित कर दी गई है। इस महापंचायत में देश भर से गुर्जर समाज के पहुंचने की संभावना थी। गुर्जर महासभा के लोगों ने उमेश कुमार को बेल मिलने पर नाराजगी जताई है।
.कांग्रेस ने लचर कानून व्यवस्था पर घेरा
इस मुद्दे पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सत्ता के संरक्षण में कानून व्यवस्था का मखौल उड़ाया गया है। यह राज्य की संस्कृति के खिलाफ है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मंगलवार को प्रदर्शन भी किया।
दल-बदल कानून के उल्लंघन के मामले में स्पीकर मौन
दल-बदल कानून के उल्लंघन सम्बन्धी याचिका पर स्पीकर ऋतु खण्डूड़ी का ढाई साल बाद भी कोई फैसला नहीं लेने पर कई सवाल उठ रहे हैं।दरअसल,2022 में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने एक अलग दल बना लिया था। इसके बाद रविन्द्र पनियाला ने मई 2022 में विधानसभा में एक याचिका प्रस्तुत की थी। याचिका में कई तथ्यों का समावेश करते हुए उमेश कुमार की विधायकी निरस्त करने की मांग की थी।
लेकिन स्पीकर ने आज तक उमेश कुमार के पक्ष अथवा विपक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। चर्चा यह आम हो गयी है कि ऋतु खण्डूड़ी पर निर्णय नहीं लेने का कौन ‘दबाव’ बना रहा है।जबकि विधानसभा भर्ती घोटाले में स्पीकर ने जॉच के बाद 250 तदर्थ कर्मियों को एक झटके में नौकरी से हटा दिया था।
गौरतलब है कि दल बदल कानून के उल्लंघन में प्रदेश के कई विधायक अपनी विधायकी से हाथ धो बैठे थे लेकिन स्पीकर का निर्णय नहीं लेना इस बात की ओर भी साफ इशारा कर रहा है निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को कहीं बड़े बड़ों का संरक्षण तो नहीं…
उमेश कुमार की FIR से भी उठे कई सवाल
चैंपियन से वाद विवाद से लगभग कुछ दिन पहले उमेश कुमार ने 18/19 जनवरी को नोएडा के गजेंद्र रावत और एक महिला पर दुष्कर्म सम्बन्धी ब्लैकमेल करने का मुकदमा दायर किया। लक्सर में यह रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गजेंद्र रावत ने लगातार तीन दिन तक सोशल मीडिया पर निर्दलीय विधायक उमेश कुमार पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए कई गम्भीर बात कही थी। लेकिन FIR रिपोर्ट के बाद ‘समझौते’ होने की खबरें आम हो रही है।
चैंपियन ने जारी किया था सेक्स वीडियो
इससे पूर्व भी उमेश कुमार पर दिल्ली में यौन शोषण का मामला दर्ज हुआ था। यही नहीं, कुछ महीने पूर्व चैंपियन ने निर्दलीय विधायक से जुड़ा एक सेक्स वीडियो जारी किया था। इस वीडियो के जारी होने के बाद उमेश कुमार ने इसे डीप फेक बताया था। चैंपियन ने यह सेक्स वीडियो देहरादून के उत्तरांचल प्रेस क्लब में मीडिया के सामने जारी किया था। इसके बाद से दोनों के बीच तनातनी बढ़ने लगी।हाल ही में चैंपियन ने सोशल मीडिया पर विधायक के परिजनों पर आपतिजनक टिप्पणी कर दी थी। यही नहीं, कुछ महीने पूर्व चैंपियन ने लगभग आधे घण्टे के वीडियो में उमेश व उनके परिजनों पर गम्भीर टिप्पणी की थी। बदले में उमेश ने भी वीडियो जारी कर जवाब दिया था।
चैंपियन से भी जुड़े रहे विवाद
पूर्व विधायक चैंपियन भी अपनी कार्यशैली से हमेशा से ही चर्चाओं में रहे हैं। कुछ साल पूर्व हथियार लहराते व शराब के गिलास के साथ तमंचे पर डिस्को सम्बन्धी वीडियो खूब चर्चा में रहा। चैंपियन की एक अमर्यादित टिप्पणी के बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निकाला और माफी मांगने के बाद निष्कासन रदद् कर दिया।इसके अलावा यदा कदा अपनी सुडौल शरीर का भी प्रदर्शन करते रहे हैं। कहीं पर भी दंड बैठक लगा देते हैं। भुजाएं फड़का कर उमेश को कई उपाधियों से भी विभूषित करते नजर आए।
कुछ साल पहले यमुना कालोनी में मंत्री आवास पर भी चैम्पियन ने जोश में हवाई फायर कर दिए थे। जिसके छर्रे कांग्रेस नेता विवेकानंद खंडूड़ी को लगे थे । इसके अलावा कई अन्य विवाद भी चैंपियन के नाम दर्ज हैं।बहरहाल, चैंपियन -उमेश के बीच जारी जंग में सभी हदें तोड़ी गयी। जनप्रतिनिधियों के बीच जमकर गाली गलौज की गई। कुछ महीने पूर्व भाजपा विधायक महेश जीना का भी गालियों से युक्त एक ऑडियो ने भी सनसनी मचा दी थी।
अब इस नई सनसनी व दहशत से भरी वारदात के बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिला प्रशासन को तलब कर काफी कुछ संकेत दे दिए हैं। जनप्रतिनिधियों के इस शर्मनाक आचरण व सिस्टम की कमियों के बाबत हाईकोर्ट से ठोस नजीर की उम्मीद बांधे हैं उत्तराखंडवासी।(साभार)