पहाड़ का सच देहरादून।
उत्तराखंड निकाय चुनाव में मतदाताओं के नाम गायब होने पर राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने राज्य निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने अपना काम गम्भीरता से नहीं किया, नहीं तो वोट कटने की शिकायत नहीं आती।
बंसल के इस बयान के बाद निकाय चुनाव में आयोग की लचर कार्यशैली विवादों के घेरे में आ गयी है। गुरुवार को मतदान के दिन पूर्व सीएम हरीश रावत व भगत सिंह कोश्यारी वोट नहीं डाल पाए। हरीश रावत का नाम वोटर लिस्ट में नहीं दिखा। हालांकि, सांय सात बजे आयोग ने बताया कि पूर्व सीएम का नाम डिफेंस कालोनी की वोटर लिस्ट में है, तब तक मतदान का समय निकल गया था।
इसके अलावा पिथौरागढ़ की वोटर लिस्ट में पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी का नाम गलत दर्ज होने की वजह से वे वोट नहीं डाल पाए। वीआईपी लोगों के अलावा कई सामान्य मतदाता भी बिना वोट दिए घर लौटे। कई मतदाता सूची में नाबालिग बच्चों को भी मतदाता बना दिया गया। देहरादून के वार्डों में कई परिवारों के नाम ही गायब थे। और लोगों के पास वोटिंग कार्ड होने के बावजूद भी उनको वोट नहीं डालने दिया।
मतदान के दिन सुबह से ही भारी पैमाने पर मतदाताओं के नाम कटने की खबरें सोशल मीडिया में तैरने लगी थी। निर्वाचन आयोग की इस लापरवाही की वजह से कई उम्मीदवारों को अप्रत्याशित चुनाव परिणाम से रूबरू होना पड़ सकता है।