– मुख्य सचिव राधा रतूड़ी बोली बच्चों को गढ़वाली सीखाएं
पहाड़ का सच देहरादून।
नव वर्ष पर रतूड़ी वंशम की मासिक बैठक हुई। इस बैठक में चायना में उद्यमी और फिल्म कलाकार देव रतूड़ी को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और उनके पति पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड से पलायन रोकने के लिए हम सभी गांव जरूर जाएं। बच्चों को गढ़वाली जरूर बोलना सिखाएं।
मंगलवार को हरिद्वार रोड स्थित राजधानी वेडिंग प्वाइंट में रतूड़ी वंशम की मासिक बैठक हुई। इस बैठक में चायना से आए और टिहरी निवासी देव रतूड़ी ने शिरकत की। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि देव रतूड़ी उत्तराखंड व देश का नाम रोशन कर रहे हैं। हमें देश और विदेश के लोगों को जोड़ना है। राज्य के लोगों को गांव गोद लेने चाहिए। गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाने के लिए हमें आगे आना चाहिए। साथ ही शादी और अन्य पार्टी में गढ़वाली संगीत जरूर होना चाहिए। .पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी ने कहा कि देव रतूड़ी के
जीवन की कहानी एक संघर्ष है। देव टिहरी घनशाली से पढ़कर चायना जाता है। वहां की भाषा सीखता है। आज ये बड़ी बात है कि वे चायना में फिल्म कलाकार के साथ ही उद्यमी भी है। उन्होंने कहा कि रतूड़ी वंशम एक जनकल्याण के लिए काम करें। अनिल रतूड़ी ने कहा कि हाल ही में हुए प्रवासी सम्मेलन में देश विदेश से लोग जुड़े हैं। मकसद ये हो कि आगे भी देश ओर विदेश के लोग राज्य से जुड़े।
फिल्म कलाकार व उद्यमी देव रतूड़ी ने कहा कि उन्होंने उत्तराखंड में 17 गांव गोद लिए हैं। ये अभियान आगे भी जारी रहेगा। वहीं गरीबों के लिए काम कर रहे हैं। चीन में उनके 15 रेस्तरां हैं। इसके चलते उन्होंने 100 भारतीय युवाओं को रोजगार दिया है। इस साल 500 युवाओं को रोजगार देने का टारगेट है। साथ ही कहा कि युवाओं को राज्य की संस्कृति से जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे चायना में 45 फिल्म कर चुके हैं। इसके अलावा चीन में कई बड़े संगठनों में बड़े पद पर हैं। कहा कि वे जब भी भारत आते हैं तो काफी अच्छा लगता है। कहा कि अब अपने गांव जाकर लोगों से मिलना है। कार्यक्रम का संचालन नरेश प्रसाद रतूड़ी ने किया।
इस मौके पर जगदीश प्रसाद रतूड़ी, आनंद रतूड़ी, वरभंग शरण रतूड़ी, रेनू रतूड़ी, नलिनी रतूड़ी, सावित्री रतूड़ी, डीडी रतूड़ी, राजेंद्र रतूड़ी, महेश्वर रतूड़ी, चंडी प्रसाद रतूड़ी, हरि प्रसाद रतूड़ी, विपुल रतूड़ी, राकेश रतूड़ी, संजय रतूड़ी, सच्चिदानंद रतूड़ी आदि मौजूद रहे।