– वन महकमे को 300 करोड़ खर्च करने को दिए, अभी तक करीब 90 करोड़ खर्च।
पहाड़ का सच देहरादून।
वन विभाग को कई योजनाओं के लिए बजट मिलता है, इसमें कैंपा मद भी शामिल है। इस बार वन महकमे को 300 करोड़ खर्च करने को दिए गए हैं। उसमें अभी तक करीब 90 करोड़ ही खर्च होने की बात सामने आई है। कई बार सरकारी विभाग बजट कमी की बात कहते हैं, लेकिन वन विभाग के स्थितियां उलट हैं। यहां पर वनारोपण निधि प्रबंधन व योजना प्राधिकरण (कैंपा) मद से तीन सौ करोड़ से अधिक का बजट मिला, लेकिन उसे खर्च करने में अफसरों के पसीने छूट रहे हैं।
हालत यह है कि बजट का केवल 30 प्रतिशत ही खर्च हो सका है, जबकि वित्तीय वर्ष खत्म होने के तीन महीने से कम समय रह गया है। वन विभाग को कई योजनाओं से बजट मिलता है, इसमें कैंपा मद भी शामिल है। इस बार वन महकमे को 300 करोड़ खर्च करने को दिए गए हैं। उसमें करीब 90 करोड़ ही खर्च होने की बात सामने आई है। राज्य में वन महकमे खर्च का औसत 30 प्रतिशत है, पर इसमें भी करीब 10 वन प्रभाग ऐसे हैं, जो मिली राशि का 10 से 20 प्रतिशत के अंदर ही खर्च कर सके हैं। बीते दिनों वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, तो उसमें भी यह मुद्दा उठा था। इसमें अफसरों को राशि खर्च करने की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश दिया गया था।
खर्च की बहुत सघन निगरानी हो रही है। वन मंत्री, प्रमुख सचिव वन की ओर से बार-बार इस बात बल दिया गया कि जो राशि प्रभागों को उपलब्ध कराई गई है, उसका राज्य हित में शत प्रतिशत उपयोग करें। जो भी कार्य हो, वह मानक के अनुरूप हो। -समीर सिन्हा, सीईओ कैंपा