– करन माहरा अब तक का सबसे विफल प्रदेश अध्यक्ष
– वर्तमान प्रदेश नेतृत्व के रहते उत्तराखंड कांग्रेस डूबता जहाज
पहाड़ का सच, देहरादून।
निकाय चुनाव में टिकटों के हेर फेर के चलते कांग्रेस मैं भगदड़ मची हुई है, कई नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष पर आरोप लगाकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, ऐसे ही आरुषि सुन्दरियाल ने आज युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब को पत्र लिखकर राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तिफा दे दिया है।
दरअसल, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा आरुषी सुन्दरियाल के कांग्रेस में किसी पद पर न होने का बयान दिया गया था, जिसके बाद आरुषी सुन्दरियाल को युवा कांग्रेस के नेतृत्व द्वारा अपलोड किया गया, उनके राष्ट्रीय प्रवक्ता के नियुक्ति पत्र के लिंक साझा करते हुए मीडिया में विज्ञप्ति जारी करनी पड़ी थी ।
आरुषी द्वारा सोनिया आनंद पर डकैती और मारपीट का मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद अचानक पार्टी में उनके पद को लेकर बयानबाजी से आरुषी खासा नाराज है। आरुषी के अनुसार ऐसा करके उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने महिलाओं पर हो रहे अपराधों के प्रति असंवेदनशीलता दिखाई है।
आरुषी ने कहा कि “उत्तराखंड कांग्रेस नेतृत्व की यह शर्मनाक हरकत सिर्फ मेरा अपमान नहीं है, बल्कि यह यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व और उत्तराखंड की सभी महिलाओं का भी अपमान है, इसलिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। अगर उत्तराखंड कांग्रेस नेतृत्व अपनी ही पार्टी की महिला नेत्री के प्रति इतना असंवेदनशील हो सकता है तो आम महिलाओं के मामले में ऐसे अहंकारी नेताओं से क्या उम्मीद की जा सकती है।
करण माहरा के नेतृत्व के बाद कांग्रेस भवन में अजीब माहौल के कारण ज्यादातर कांग्रेसी महिलाएं कांग्रेस भवन में जाने से झिझकती हैं, साथ ही पार्टी में अंतर्कलह काफी बढ़ गई है। आरुषी ने करन माहरा को अब तक का सबसे विफल प्रदेश अध्यक्ष बताया। किसी भी राजनीतिक दल का कार्यकर्ता पार्टी को श्रमदान देता है, बदले में पार्टी का दायित्व है कि कार्यकर्ताओं को यथोचित सम्मान मिले, लेकिन उत्तराखंड कांग्रेस के अतिमहत्वाकांक्षी नेता प्रदेश अध्यक्ष की नाक के नीचे पार्टी की राष्ट्रीय स्तर की नेत्री को अपमानित करते रहे और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने धृतराष्ट्र की भूमिका निभायी।
कांग्रेस पार्टी मुझे प्रिय है, परंतु कांग्रेस भवन में अक्सर बैठे रहने वाले कुछ दकियानूसी लोग कांग्रेस को दिमाग की तरह खोखला कर रहे हैं। वर्तमान प्रदेश नेतृत्व के रहते उत्तराखंड कांग्रेस डूबता जहाज है, जहाँ अब पानी सर से ऊपर हो चुका है, इसलिए मैं इस्तीफा देने को विवाश हूं।”