पहाड़ का सच, देहरादून।
उत्तराखंड के देहरादून जिले में शासन के निर्देश पर मदरसों की जांच शुरू कर दी गई है। डीएम सविन बंसल ने इसके लिए तहसील स्तर पर कमेटियां गठित की हैं, जो एसडीएम की अगुवाई में जांच कर रिपोर्ट डीएम को देंगी।
राज्य के देहरादून जिले में शासन के निर्देश पर मदरसों की जांच शुरू कर दी गई है। डीएम सविन बंसल ने इसके लिए तहसील स्तर पर कमेटियां गठित की हैं, जो एसडीएम की अगुवाई में जांच कर रिपोर्ट डीएम को देंगी। डीएम बंसल ने कहा कि सभी एसडीएम जिला अल्पंसख्यक कल्याण अधिकारी एवं शिक्षा विभाग से समन्वय बनाकर मदरसों का सर्वे कर नियमानुसार कार्रवाई कर रिपोर्ट दें।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी उप जिलाधिकारी अपनी तहसीलों में संचालित पंजीकृत मदरसों सहित गैर पंजीकृत मदरसों का पूरा विवरण देंगे। जो मदरसे पंजीकृत हैं, उनमें मानकों के पालन की स्थिति जैसे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से पढ़ाई, मिड-डे-मील, स्वच्छता, प्रकाश व्यवस्था, मूलभूत सुविधा आदि पर रिपोर्ट देंगे। इस दौरान एडीएम जयभारत सिंह, संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरी प्रभात, एसडीएम शालिनी नेगी, विनोद कुमार, हरिगिरि, अपर्णा ढौंडियाल, स्मृति परमार आदि मौजूद रहे।
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उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड में 415 मदरसे पंजीकृत हैं। इनमें 46 हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इसके अलावा नए मदरसों के पंजीकरण के लिए अब पिछले महीने ही मान्यता समिति का गठन हुआ है। मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी के मुताबिक, मदरसों को जल्द मान्यता दी जाएगी। सरकार मदरसा छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने पर लगातार कार्य कर रही है।
वहीं प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच के लिए पुलिस ने भी तैयारी कर ली है। बीते रोज आईजी ने इस आशय के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब पुलिस प्रदेश में मदरसों का वेरिफिकेशन करेगी। साथ ही मदरसों में अवैध फंडिंग को लेकर भी जांच की जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समिति भी बनाई गई है। आईजी और पुलिस प्रवक्ता उत्तराखंड डॉ. नीलेश आंनद भरणे ने बताया कि प्रदेशभर में मदरसों का वेरिफिकेशन कराया जाएगा।
इसके साथ ही मदरसों में अवैध फंडिंग की भी जांच कराई जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि मदरसों में बाहरी राज्यों के बच्चे तो नहीं पढ़ रहे हैं, साथ ही जिले में डीएम की अध्यक्षता में समिति भी बनाई गई है। इसमें सभी विभाग मिलकर मदरसों की जांच करेंगे।