– रायपुर में गोदाम के लिए 1988 में दस साल के लिए लीज पर दिया गया भूखंड
– लीज अवधि समाप्त होने के बाद साल 2000 भूखंड स्वामी वृद्ध महिला की संपत्ति में हेरा फेरी
– लीज समाप्त होने के बाद कैसे चल रहा गैस गोदाम, कहां थे विभाग के अधिकारी और नियम: डीएम
पहाड़ का सच, देहरादून।
रायपुर में 95 वर्षीय वृद्ध महिला की जमीन के दस्तावेजों में हेरा फेरी व पिछले 26 साल से अवैध रूप के संचालित गैस गोदाम का एक मामला सामने आया है। जिलाधिकारी सविन बंसल के आदेश पर गोदाम को सीज कर लाइसेंस निरस्त किया गया है। तीन दिन में अभिलेख प्रस्तुत न किए जाने पर गोदाम संचालक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। भारतीय पैटेलियम विभाग, एवं विस्फोटक तंत्र के अधिकारियों की चुप्पी भी मामले को और अधिक संदिग्ध बना रही है।
जिला प्रशासन के प्रवक्ता के अनुसार मामला संज्ञान में आने के बाद प्रशासन की टीम द्वारा आज तड़के ही रायपुर क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित गैस गोदाम पर बड़ी कार्यवाही करते हुए गोदाम को सीज कर दिया। लीज समाप्त होेने के बाद भी वर्षों से गैस गोदाम संचालित किया जा रहा था। जिलाधिकारी सविन बंसल के मामला संज्ञान में आते ही जांच बिठाई गई थी। उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी को सम्बन्धित विभागों से समन्वय करते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे, जिसके परिपेक्ष्य में आज जिला प्रशासन एवं पुलिस की टीम द्वारा इस पर कार्यवाही की गई।
जिलाधिकारी सविन बंसल के जनता दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम में गढीकैंट निवासी 95 वर्षीय महिला ने उनकी भूमि पर रायपुर में अवैध रूप से संचालित गैस गोदाम होने तथा भूमि कब्जे की शिकायत की गई थी। प्रकरण संज्ञान में आते ही डीएम ने अवैध गैस गोदाम का लाईसेंस निरस्त करने के निर्देश दिए तथा शिकायती पत्र में उल्लिखित अन्य समस्त बिन्दुओं पर विस्तृत जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश राजस्व विभाग को दिए गए।
डीएम ने अवैध रूप से संचालित हो रहे गैस गोदाम का अविलम्ब लाईसेंस निरस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से पूछा कि इतने लम्बे समय से जिम्मेदार विभागों ने क्यों नही की कार्रवाई । विभागीय अधिकारियों के प्रकरण पर संज्ञान न लिए जाने पर हैरानगी जताते हुए डीएम ने कहा कि विभागीय अधिकारी एवं नियम कहां थे क्यों नही लिया गया सख्त एक्शन।
महिला ने अपनी शिकायत पत्र के माध्यम से बताया कि रायपुर में उनकी स्थिति को देखते हुए रांझावाला रायपुर में उनकी 12 हजार वर्ग फीट भूमि पर भूमाफिया की नजर है। इस पर अवैध कब्जा कर गैस एजेंसी का संचालन किया जा रहा है। उनके पति द्वारा वर्ष 1988 में 10 वर्ष की लीज पर गैस गोदाम संचालित करने हेतु दिया गया था, जिसकी लीज समाप्त होने के बाद संचालक ने वर्ष 2000 से किराया देना बंद कर दिया तथा अभिलेखों में हेरफेर कर भूमि अपने नाम कर दी प्रकरण को गंभीरता से लेते डीएम ने स्पष्ट जांच के साथ उचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
डीएम के निर्देशों के बाद पूर्ति विभाग द्वारा स्टेट लेबल कॉर्डिनेटर (एलपीजी), क्षेत्रीय प्रबन्धक भारत पैट्रोलियम एलपीजी लंढौरा रूड़की, विस्पोटक नियंत्रक इन्दिरानगर को कार्यवाही के निर्देश दिए है।