पहाड़ का सच देहरादून।
जिले में 281 ऐसे प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें तमाम व्यक्तियों ने सरकार की अनुमति लेकर निर्धारित प्रयोजन के लिए 250 वर्गमीटर से अधिक भूमि खरीदी है। हालांकि, इसके बाद निर्धारित प्रयोजन के अनुरूप निर्माण नहीं किया। इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए जिला प्रशासन ने वाद दायर करने और नोटिस भेजने के बाद भूमि पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
देहरादून जिले में अनुमति के आधार पर कुल 391 प्रकरणों में 250 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल की भूमि क्रय की गई है। जिसमें 281 मामलों में शर्तों का उल्लंघन पाया गया है। ऐसी भूमि करीब 189 हेक्टेयर (करीब 750 बीघा) है।
दून के जिलाधिकारी ऐसे प्रकरणों पर खासे गंभीर दिख रहे हैं। उन्होंने सभी उपजिलाधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि भूमि खरीद के उल्लंघन के मामलों में एक माह के भीतर कार्रवाई कर दी जाए। इसके लिए उन्होंने प्रत्येक सप्ताह कार्रवाई का अपडेट भी देने को कहा है। इस काम में काम के बोझ या अतिरिक्त कार्यों का बहाना नहीं चलेगा। वादों का निस्तारण करते हुए संबंधित भूखंडों को सरकार में निहित किया जाए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, उपजिलाधिकारी मुख्यालय शालिनी नेगी, उपजिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार, उपजिलाधिकारी सदर हरगिरि, उपजिलाधिकारी डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, उपजिलाधिकारी ऋषिकेश स्मृति परमार आदि उपस्थित रहे।
वैसे जिलाधिकारी के कड़े रुख से भूमि खरीदने वाले तमाम प्रभावशाली व्यक्तियों में खलबली मची है। कई लोग भूमि को बेचने के तरीके भी खोज रहे हैं। वहीं, कुछ राजस्व अभिलेखों में हेरफेर कराने की जुगत में भी हैं। कहीं ऐसा न हो कि प्रभावशाली लोग अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके ईमानदार डीएम को ही ट्रांसफर करवा दें।