पहाड़ का सच, हरिद्वार।
गंगा से खनिज सामग्री उठाने के विरोध में मातृ सदन के ब्रह्मचारी दयानंद का अमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। अनशन में वह केवल जल ग्रहण करेंगे। चंडी घाट पुल के नीचे गंगा से खनिज सामग्री उठाने का मातृ सदन विरोध कर रहा है।
मातृसदन का कहना है कि यह अवैध खनन है और उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना है। रविवार दोपहर को प्रेस वार्ता करते हुए मातृसदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि गंगा रक्षा और संरक्षण के लिए किया जा रहा ब्रह्मचारी का तप रविवार को जारी रहा। बताया कि बैरागी कैम्प में गंगा के रिवर बैंड में ड्रेजिंग के नाम पर खनन कार्य जारी था और वहां पोकलैंड मशीनों के साथ साथ कम से कम 9 डंपर खड़े थे, जो कि अवैध है। उन्होंने मांग उठाई कि सभी संबंधित अधिकारियों और मंत्रियों की संपत्ति की जांच की जाए, जो इस अवैध गतिविधि में संलिप्त हैं।
बताया कि यदि अन्य राज्यों के राजनेताओं को सरकारी टेंडर में बिडर्स को अवैध रूप से मदद करने के आरोप में जेल भेजा जा सकता है, तो उत्तराखंड के मंत्रियों और अधिकारियों पर भी ईडी जांच क्यों नहीं की जा रही है, जो माफिया का समर्थन कर केवल उन्हें फायदा पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
मातृसदन ने चेतावनी दी कि बैरागी कैम्प में कार्य को आधिकारिक रूप से रोका नहीं गया है, तो मातृ सदन अगले सप्ताह अनुशासनात्मक कार्यवाही के तहत अवमानना याचिका दाखिल करेगा, ताकि उन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की जा सके, जिन्होंने कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया है। बताया कि गंगा की सुरक्षा के लिए ब्रह्मचारी दयानंद के निरंतर अनशन को समर्थन प्राप्त हो रहा है और जब तक दोषियों पर कार्यवाही नहीं होती, तब तक अनशन जारी रहेगा।