पहाड़ का सच, रुद्रप्रयाग।
रविवार की रात चोपता बाजार में शराब से लदी कार और एक अन्य वाहन पकड़ा गया। कार के शीशे में सदस्य भाजपा कार्यसमिति का स्टिकर लगा हुआ था। दून नंबर की कार व ट्रक पकड़े जाने पर कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत, विक्रम नेगी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। सभी मिलकर भाजपा के खिलाफ नारे लगाने लगे। रात में उखीमठ पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए।
चुनाव में शराब का मुद्दा भड़कने के बाद केदार विधानसभा के प्रचार ने नया रुख अख्तियार कर लिया है। सोमवार को इस मुद्दे पर भाजपा व कांग्रेस एक दूसरे को दोषी ठहराने पर तुली है। चोपता के बाजार मे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य की गाड़ी में पकड़ी गई शराब को लेकर भाजपा का बयान उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की कहावत को चरितार्थ कर रहा है।
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि जिस गाड़ी को शराब ले जाते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पकड़ा उस पर साफ तौर से भाजपा कार्यसमिति सदस्य लिखा हुआ है। इस पकड़ी गई शराब और व्यापक स्तर पर हो रही भाजपा की किरकिरी पर भारतीय जनता पार्टी बौखलाहट में पुलिस प्रशासन और जनता को बरगलाने और झूठ परोसने पर उतर आई है।
दसोनी ने कहा “प्रत्यक्षम किम प्रमाणम”प्रत्यक्ष को प्रमाण की कोई जरूरत नहीं होती। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं ने रात को ही सोशल मीडिया पर लाइव के माध्यम से जनता के सामने सारा सच रख दिया है। जिसमें कहीं शक की कोई गुंजाइश नहीं बचती।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के वह पदाधिकारी जो विज्ञप्ति जारी कर कांग्रेस पर झूठा आरोप लगा रहे हैं वह बताएं कि उन्होंने तुरंत वीडियो क्यों नहीं बनाया और शिकायत क्यों नहीं की?एक ओर जहां शराब पकड़ी गई वहां कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी मनोज रावत ,प्रताप नगर विधायक विक्रम नेगी, पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत, जयेंद्र रमोला ,संतोष रावत इत्यादि ने स्वयं मौजूद थे। भाजपा नेता कहां थे?
दुष्प्रचार के सहारे कांग्रेस फिर कुछ कारनामा करने की सोच रही है, लेकिन झूठ को सौ बार भी बोला जाए तो वह सच नही हो सकता। चोपता बाजार मे शराब की जो गाड़ी पकड़ी गयी वह किसकी है? ड्राइवर तो कांग्रेसी होने की सूचना है। हमारे भाजपा मंडल अध्यक्ष ने तत्काल मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है। कांग्रेस तो शराब से भाजपा का नाम जोड़कर चुनाव को प्रभावित करने का हथकंडा अपना रही है, लेकिन जनता का क्या करेगी। उसे सब पता है।
पहले पहाड़ को डेनिस के मकड़जाल मे फंसाने वाले अब दुष्प्रचार को हवा दे रहे हैं। इसे ही कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।