– सेवा विस्तार नियमावली के अनुसार हुआ है, दूसरे निगमों में भी दिया गया सेवा विस्तार
– बेटे को तीन महीने की इंटर्नशिप की अनुमति प्रबंध निदेशक ने दी थी
– अनिल कुमार को सेवा विस्तार दिए जाने में भाजपा के एक स्थानीय नेता के नाम की चर्चा
पहाड़ का सच देहरादून। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव और ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को आरोपों को सिरे से खारिज किया है। निगम के अफसरों और एमडी अनिल कुमार ने खुद को पाक साफ बताया है। उन्होंने कहा कि विवादित कंपनी मैसर्स ईशान इंटर प्राइजेज के विवाद के समय वह प्रबंध निदेशक नहीं थे।
सोमवार को एमडी कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सेवा विस्तार देना राज्य सरकार का विषय है। उत्तराखंड शासन के अधीन तीनों निगमों के प्रबंध निदेशक और निदेशकों की शैक्षिक योग्यता, अनुभव व सेवा स्तर के एवं अन्य शर्तों के लिए नियमावली 2021 में जारी हुई। इस नियमावली में निहित प्रावधानों के तहत राज्य सरकार द्वारा सेवा विस्तार दिया जा सकता है।
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अनिल कुमार ने कहा कि उनके बेटे ने मैसर्स आशीष ट्रांसफार्मर में तीन महीने की अप्रेंटिसशिप की है, इसकी अनुमति तत्कालीन एमडी से प्राप्त की गई। मानदेय की राशि का आईटीआर में उल्लेख किया गया। इसके अलावा पिटकुल में करीब 10 साल पहले जो 18 ट्रांसफार्मर खरीद गए थे, उसमें कोई कमी नहीं थी। यह सीपीआरआई, आईआईटी रुड़की की जांच रिपोर्ट में भी सामने आया था।
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एमडी ने माजरा ऋषिकेश लाईन व माजरा बिंदाल लाइन पर आईएसबीटी के पास टॉवर ऊंचा करने के लिए टेंडर पुलिंग के आरोपों को भी खारिज किया। कहा कि कोई भी टेंडर को देखने के लिए तकनीकी कमेटी और कारपोरेट पर्चेज कमेटी होती है। इन कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर ही कोई फैसला होता है। वित्त विभाग की निविदा मूल्यांकन आख्या में कोई भी टेंडर पुलिंग संबंधी टिप्पणी नहीं थी।
यूपीसीएल के निदेशक परियोजना अजय कुमार अग्रवाल ने 132 केवी चीला-नजीबाबाद लाइन प्रकरण पर कहा कि इससे कोई भी संबंध नहीं है। मैसर्स ईशान इंटर प्राइजेज ने उच्च न्यायालय में मध्यस्थ (आर्बिट्रेटर) नियुक्त करने के लिए वाद दाखिल किया था, वाद की पैरवी के समय एमडी अनिल कुमार पिटकुल में कार्यरत नहीं थे।
अनिल कुमार के सेवा विस्तार को लेकर सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम और बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार के विवाद में आरोप प्रत्यारोप के बीच भले ही सचिव ने अभी तक इस बात का खुलासा नहीं किया कि बॉबी किस टेंडर के सिलसिले में सचिवालय में उनसे मिलने गए थे,किंतु ऊर्जा निगम के एमडी को विस्तार दिए जाने के बारे में एक स्थानीय भाजपा नेता के नाम की चर्चा तेज हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि ये उस मिलीभगत का एक उदाहरण है जिसमें सरकार और संगठन के कई चेहरे शामिल हैं। इससे भ्रष्टाचारमुक्त शासन पोल खुल गई है।उन्होंने कहा कि सरकार को इस पूरे प्रकरण की जांच करानी चाहिए।