– वैश्विक और राष्ट्रीय रैंकिंग में हमारी निरंतर वृद्धि हमारे फैकल्टी, छात्रों और कर्मचारियों के अटूट समर्पण का प्रमाण – डा. राम शर्मा
पहाड़ का सच, देहरादून।
देहरादून स्थित मल्टीडिसप्लनेरी विश्वविद्यालय यूपीईएस ने क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग – एशिया 2025 में अकादमिक एक्सीलेंस और अंतरराष्ट्रीय मान्यता की ओर अपनी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है।
हाल ही में प्रकाशित क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग – एशिया 2025 में, यूपीईएस अब एशिया का दूसरा सबसे बेहतर विश्वविद्यालय है, जिसने 70 पायदान की शानदार छलांग लगाकर एशिया में 148वां स्थान हासिल किया है। यूपीईएस दक्षिण एशिया रैंकिंग में भी 21वें स्थान पर पहुंच गया है और अब यह भारत में कुल मिलाकर 12वें और निजी विश्वविद्यालयों में दूसरे स्थान पर है, जो शैक्षिक गुणवत्ता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता और उच्च शिक्षा में इसके बढ़ते प्रभाव की पुष्टि करता है।
रैंकिंग में इस वर्ष की वृद्धि यूपीईएस के क्यूएस के नौ परफॉरमेंस इंडीकेटर्स में सुधार के कारण हुई है। इस वर्ष बाद में जोड़े गए दो नए इंडीकेटर्स, यूपीईएस के सहयोगात्मक और सहायक अकादमिक वातावरण बनाने के लिए किए गए ठोस प्रयासों को दर्शाते हैं, जो फैकल्टी -छात्र अनुभव को बढ़ाता है।
यूपीईएस की ये उपलब्धि QS स्टार रेटिंग में भी दिखाई देती है, जहाँ इसने शिक्षण, रोजगार, अकादमिक डेवलपमेंट, सुविधाएँ और समावेशिता में प्रतिष्ठित 5-स्टार रेटिंग प्राप्त की है। ये प्रशंसाएँ समग्र शिक्षा प्रदान करने के लिए यूपीईएस की प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं जो छात्रों को सफल करियर के लिए तैयार करती हैं और एक विविध और समावेशी कैंपस कम्युनिटी को बढ़ावा देती हैं।
यूपीईएस की रैंकिंग में उल्लेखनीय वृद्धि रिसर्च, इनोवेशन, वैश्विक सहयोग और सम्पूर्ण छात्र विकास पर विश्वविद्यालय के मजबूत फोकस से प्रेरित है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में दुनिया के शीर्ष 2% रिसर्चर्स में 45 फैकल्टी सदस्यों के साथ विश्वविद्यालय के रिसर्च आउटपुट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके ‘रनवे इनक्यूबेटर’ ने सफल स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिया है, जो उद्यमिता की संस्कृति को दर्शाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले, यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग और कई अन्य संस्थानों के साथ ग्लोबल पार्टनरशिप ने सीखने के अवसरों का विस्तार किया है, जबकि हिमालयन इनोवेशन लैब और सृजन सोशल इंटर्नशिप जैसी पहल सामाजिक प्रभाव और स्थिरता के लिए यूपीईएस की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं। इसके अतिरिक्त, सम्पूर्ण छात्र विकास और इंडस्ट्री संबंधों पर विश्वविद्यालय के फोकस ने उत्कृष्ट छात्र परिणाम सुनिश्चित किए हैं।
क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में पिछले स्टैंडिंग को दर्शाते हुए, यूपीईएस ने 2023 में 243 से शुरू होकर 2024 में 218 तक और 2025 में 148वें स्थान पर पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण प्रगति की है। यूपीईएस ने दक्षिण एशिया रैंकिंग में भी काफी प्रगति की है, जो 2023 में 49 से 2024 में 42 और अब 2025 में 21वें स्थान पर है।
यूपीईएस के कुलपति डॉ. राम शर्मा ने नयी रैंकिंग पर टिप्पणी करते हुए कहा: “वैश्विक और राष्ट्रीय (एनआईआरएफ) रैंकिंग में हमारी निरंतर वृद्धि हमारे फैकल्टी, छात्रों और कर्मचारियों के अटूट समर्पण का प्रमाण है। यह वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त संस्थान बनने के हमारे दृष्टिकोण को उजागर करता है जो प्रतिभा का पोषण करता है,इनोवेशन को बढ़ावा देता है और समाज में पॉजिटिव योगदान देता है। एशिया के शीर्ष संस्थानों में पहचाने जाने पर यूपीईएस के लिए यह गर्व का क्षण है। हर साल हमारी रैंकिंग में लगातार बढ़ोतरी, ग्लोबल मंच पर खुद को स्थापित करने के साथ-साथ रिसर्च और अकादमिक उत्कृष्टता की सीमाओं को लगातार आगे बढ़ाते हुए, और भी अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
इस साल की शुरुआत में, यूपीईएस को QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 के 801-850 बैंड में स्थान दिया गया था। साथ ही, हाल ही में जारी टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में, UPES को अब दुनिया के शीर्ष 501-600 विश्वविद्यालयों के प्रतिष्ठित बैंड में और भारत के शीर्ष 7 संस्थानों में रखा गया है। पिछले साल की तुलना में, यह यूपीईएस के लिए 300 से अधिक रैंक की असाधारण छलांग है।