– कीर्तिनगर मै जमकर बवाल, दुकानों में तोड़फोड़
पहाड़ का सच श्रीनगर।
उत्तराखंड में एक और लव जिहाद का मामला सामने आया है। मामले से आक्रोशित भीड़ ने प्रदर्शन कर कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की। लोगों का आरोप है कि एक युवक ने एक नाबालिग लड़की को प्रेमजाल में फंसाकर उसका धर्मांतरण कराया और घटना के बाद से आरोपी युवक फरार है।
घटना श्रीनगर के दूसरे बड़े कस्बे कीर्तिनगर की है, जहां एक नाबालिग लड़की के गायब होने की सूचना पर लोगों ने जमकर हंगामा किया। गुस्साए लोगों ने पहले कीर्तिनगर कोतवाली का घेराव किया फिर कीर्तिनगर बाजार की कुछ दुकानों में तोड़फोड़ कर दी। पुलिस ने मशक्कत के बाद मामले को शांत किया। गायब हुई नाबालिग लड़की की गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
बीजेपी नेता लखपत सिंह भंडारी ने आरोप लगाया कि नगर क्षेत्र में कुछ युवक लगातार नाम बदलकर इंस्टाग्राम और फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज रहे हैं। फिर नाबालिग लड़कियों को दोस्त बनाकर प्रेमजाल में फंसाने का काम कर रहे हैं। भंडारी ने आरोप लगाया कि ऐसे की एक मामले में एक नाबालिग लड़की का धर्मांतरण किया गया है। इसकी सूचना पहले भी कीर्तिनगर पुलिस को दे दी गई थी और नाबालिग पर निगरानी रखने की मांग भी की गई थी।
इस मामले को लेकर परिजनों ने कोतवाली में तहरीर भी दी थी। नाबालिग लड़की सोमवार की देर रात अपने घर से कहीं निकल गई है। ऐसे में परिजनों और स्थानीय लोगों ने नाबालिग को भगाने का अंदेशा जताया है। नाबालिग लड़की की परिजनों ने बताया कि रात के समय वो अपनी मां के साथ सोई हुई थी। बाथरूम का बहाना कर फरार हो गई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शाम तक पुलिस लड़की को वापस नहीं लाती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। .उधर, कीर्तिनगर में गुस्साए लोगों ने समुदाय विशेष के कुछ लड़कों की दुकानों में तोड़फोड़ की जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
टिहरी के एडिशनल एसपी जेआर जोशी ने बताया कि रात के समय एक बालिका के गुमशुदा होने की सूचना थाने में मिली थी। सूचना मिलने के बाद बालिका की बरामदगी को लेकर अलग-अलग टीमें गठित की गई। रातभर संभावित क्षेत्रों पर चेकिंग की गई, सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए। इसके अलावा एसडीआरफ की टीम बुलाकर नदी में भी सर्च अभियान चलाया गया। अब बाहरी जिले और राज्यों में बालिका की बरामदगी के लिए टीमें भेज दी गई हैं, जल्द ही बालिका को बरामद कर लिया जाएगा। .उन्होंने कहा कि 28 अक्टूबर को धर्मांतरण की एक तहरीर मिली थी। मामले में उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता 2018 में 3/5 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।