पहाड़ का सच अल्मोड़ा।
गढ़वाल मंडल के कुछ जिलों में पिछले कुछ दिनों से गांवों में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश और बाहरी लोगों को जमीन ना बेचने के बोर्ड लगाने के मामले सामने आ रहे हैं । ऐसा ही एक मामला अब कुमाऊं से भी सामने आया है। अल्मोड़ा जिले के सल्ट में कालीगाड़ के ग्रामीणों ने भी गांव के प्रवेश पर एक बोर्ड लगाया है। जिसमें लिखा है कि बाहरी व्यक्ति को कोई भी ग्रामीण जमीन नहीं बेचेगा और ना ही अपनी पहचान छिपाकर गांव में घूम सकता है।
बाहरी लोगों को नहीं बेचेंगे अपनी जमीन, ग्रामीणों ने लागू किया अपना भू कानून
अंधाधुंध जमीनों की हो रही खरीद फरोख्त, गांव का माहौल बिगड़ने और प्राकृतिक संसाधनों को दोहन होने से गांव वाले परेशान हैं। जिस कारण उन्होंने गांव में जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है। बकायदा इसके लिए गांव के प्रवेश पर एक बड़ा बोर्ड भी लगाया गया है। जहां एक ओर बाहरी व्यक्तियों द्वारा यहां जमीन खरीदने पर बैन लगा दिया गया है। तो वहीं दूसरी ओर पहचान छिपाकर भी कोई बाहरी व्यक्ति गांव में नहीं घूम सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की बात भी बोर्ड पर लिखी गई है। इस बारे में जब ग्रामीणों से पूछा गया तो उनका कहना है कि अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने के लिए उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा है।
पैतृक जमीन बचाने को ग्रामीण मुखर, चंबा के ग्राम सभा जड़धार गांव वालों ने ली शपथ
ग्रामीणों का कहना है कि वो अपने ग्राम प्रधान के आदेश को मानते हैं। लेकिन इसके साथ ही ये फैसला पूरे गांव की सहमति से लिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सर्व सहमति से लिया गया ये फैसला गांव की भलाई के लिए ही है। इसके साथ ही ये कदम उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने का भी एक प्रयास है।