– सीनियर आईपीएस के दायित्वों के फेरबदल में मिली अहम जिम्मेदारी
– देहरादून, हरिद्वार व पौड़ी जैसे बड़े जिलों के रह चुके हैं कप्तान
– जम्मू कश्मीर में जब धारा 370 हटी, वहीं आईटीबीपी में तैनात थे अभिनव
पहाड़ का सच देहरादून। राज्य की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए दो दिन पहले शासन द्वारा सीनियर आईपीएस अफसरों के दायित्वों में फेरबदल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खास बात ये है कि कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी अब खुद डीजीपी अभिनव कुमार संभाल रहे हैं।
प्रदेश में देहरादून व हरिद्वार में हुई डकैती ने पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए हैं। ये दोनों वारदात ऐसे समय में हुईं जब राष्ट्रपति व उप राष्ट्रपति प्रदेश में थे। ज्वालापुर में ज्वेलरी शोरूम में हुई डकैती के बाद सीएम धामी का पीएचक्यू के औचक निरीक्षण के पीछे का मकसद आईपीएस के ट्रांसफर में झलका।
इस फेरबदल में सबसे बड़ा फैसला डीजीपी अभिनव कुमार को कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपना है। अपराध पर नियंत्रण के लिए अभिनव कुमार को एक्सपर्ट माना जाता है। जब जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटी , उस समय 1996 बैच के आईपीएस अभिनव कुमार वहीं तैनात थे। वे आईटीबीपी में महानिरीक्षक थे। इससे पहले पौड़ी, हरिद्वार व देहरादून के पुलिस कप्तान रह चुके हैं। जब अभिनव कुमार डीआईजी थे, उधमसिंह नगर में दंगा भड़का। दंगा शांत करने के लिए उन्हें जिले का कप्तान बनाया गया। दंगा शांत होने के बाद अभिनव कुमार ने खुद ही कप्तानी छोड़ दी थी। हरिद्वार जिले का कप्तान रहते हुए कांवड़ मेले/कांवड़ियों को पटरी पर लाने का श्रेय अभिनव को ही जाता है।