पहाड़ का सच/एजेंसी
रांची। झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान अभ्यर्थियों का स्वास्थ्य लगातार खराब होता जा रहा है। आलम यह है कि नौकरी का सपना संजोकर कर दौड़ के लिए पहुंचे अभ्यर्थियों की जान तक चली जा रही है। उत्पाद सिपाही बहाली भर्ती के फिजिकिल परीक्षा दौरान अब तक 12 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है। वहीं 100 से अधिक अभ्यर्थी बीमार हैं और अपना इलाज करवा रहे हैं। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिर अभ्यर्थियों की मौत क्यों हो रही है?
इन सब के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि ये सरकार जॉब नहीं दे रही मौत दे रही है।
22 अगस्त से राज्य में उत्पाद सिपाही भर्ती के लिए दौड़ की प्रक्रिया शुरू की गई है। राज्य भर में दौड़ के लिए सात केंद्र बनाए गए हैं। यह स्मार्ट सिटी क्षेत्र रांची, जगुआर टेंडर ग्राम रांची, पुलिस लाइन गिरिडीह, पलामू के चियांकि हवाई, सीटीसी मुसाबनी, जैप 9 कैंपस मुख्यालय साहिबगंज में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। आईजी अभियान सह पुलिस प्रवक्ता अमोल वेणुकान्त होमकर ने बताया कि उत्पाद सिपाही बहाली के प्रक्रिया के दौरान अब तक 12 अभ्यर्थियों की मौत हुई है। मामले में यूडी कांड दर्ज किया गया है और मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
वहीं उत्पाद सिपाही भर्ती के दौरान 12 अभ्यर्थियों की मौत के बाद अब पुलिस मुख्यालय और राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गयी है। झारखंड पुलिस मुख्यालय की तरफ से दिशा निर्देश जारी किए गए है। खासतौर से चयन सेंटर के पास जहां अभ्यर्थी मौजूद रहते हैं, वहां पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं मेडिकल टीम के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में बेड और दवाओं की भी व्यवस्था की गई है। अभी तक के जांच के मुताबिक अभ्यर्थियों की मौत के पीछे की मुख्यतः 3 वजह सामने आ रही हैं। हालांकि ठोस कारण अब तक पता नहीं चल पाया है।
- अधिक गर्मी में दौड़ के कारण अभ्यर्थी बेहोश हो जा रहे हैं और धीरे-धीरे उनकी तबीयत बिगड़ जा रही है।
- बताया जा रहा है कि दौड़ के दौरान स्टेमिना बढ़ाने के लिए कुछ इंजेक्शन का भी इस्तेमाल किए जाने की वजह से तबीयत खराब हो जा रही है।
- भर्ती दौड़ के दौरान केन्द्रों पर अभ्यर्थियों के लिए पेय जल समेत अन्य पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने की वजह से भी अभ्यर्थी परेशान होकर बेहोश हो जा रहे हैं।
मामले में राजनीति तेज, विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा
वहीं अभ्यर्थियों की मौत पर विपक्षी दल बीजेपी ने भी वर्तमान सत्ताधारी दल को घेरा है। मामले को लेकर राज्य सभा सांसद आदित्य साहू ने सरकार की नियुक्ति नियमावली पर ही सवाल उठाया है और ये मांग की मृतक अभ्यर्थियों के आश्रितों को 50 लाख का मुवावज़ा और उनके आश्रितों को नौकरी दी जाए। वहीं सत्ताधारी दल जेएमएम के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि इस तरह के मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार मामले को लेकर गंभीर है और मृतकों के परिजनों के प्रति भी संवेदनशील है।