पहाड़ का सच, हल्द्वानी।
पहाड़ी आर्मी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने विधायको की तनख्वाह बढ़ाए जाने को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता महंगाई ,बेरोजगारी से हलकान है। बेरोजगारी दर देश में प्रथम स्थान में है और प्रदेश कर्ज में डूबा हुआ है इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर प्रदेश को लूटने खसूटने के बिल पास कर रहे है
हरीश रावत ने बताया कि पिछले वर्ष की कैग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश 72 हजार 860 करोड़ रुपये जा पहुंचा है जो निरंतर बढ़ता जा रहा है। अब 80 हजार करोड़ को पार कर चुका है उसके बाद भी विधायको को बिल्कुल भी हिचक नहीं है।
सरकार ने पिछले वर्षो में अपनी लूट को बचाने के लिए बेरोजगारों को भी खूब लूटा है उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष एक आरटीआई से खुलासा हुआ कि पिछले 24 सालों में उत्तराखंड सरकार ने बेरोजगारों से 21करोड़ रूपये वसूले, उत्तराखंड सरकार ने राज्य के बेरोजगारों से पिछले कुछ सालों में करोड़ों की रकम वसूल की है। हर साल बड़ी संख्या में छात्र प्रांतीय सिविल परीक्षा (PCS) के लिए आवेदन करते हैं। इसके लिए सरकार आवेदन शुल्क भी निर्धारित करती है। इसी आवेदन शुल्क से सरकार को करोड़ों का फायदा हुआ है। सूचना के अधिकार से पता चला है कि साल 2001-2002 से 2021-2022 के बीच उत्तराखंड सरकार ने छात्रों व बेरोजगारों से 21,75,86,879 रुपये वसूले हैं।
हरीश रावत ने बताया कि देश में उत्तराखंड राज्य बेरोजगारी में पहले नंबर राज्य बनने के कगार में है। वर्तमान में उत्तराखंड की बेरोजगारी दर 5.3 प्रतिशत है यह दर 11 राज्यों से अधिक है। दूसरी बार सत्ता में लौटी भाजपा सरकार बेरोजगारी की समस्या से निपटना के बजाय बेरोजगारों से ही अपनी जेब भरने का काम कर रही है और प्रदेश को भर्ती घोटाला प्रदेश बना डाला है जहा युवा आज बेरोजगारी से हलकान है। पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 10 लाख से अधिक हो गई है। जो वर्ष 2001 में तीन लाख 13 हजार थी
सेंटर फार मानीटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआइई) की ओर से एक मई को जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में उत्तराखंड की बेरोजगारी दर 5.3 प्रतिशत है। जो असम 1.2, छत्तीसगढ़ 0.6, गुजरात 1.6, हिमाचल प्रदेश 0.2, कर्नाटक 2.7, मध्य प्रदेश 1.6, महारष्ट्र 3.1, मेघालय 2.2, उड़ीसा 1.5, तमिलनाडु 3.2, उत्तर प्रदेश 2.9 प्रतिशत बेराजगारी दर से अधिक है। वहीं, देश की वर्तमान बेरोजगारी दर 7.8 प्रतिशत है।
उत्तराखंड की बेरोजगारी दर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से दोगुना तो हिमाचल प्रदेश से 26 गुना अधिक है। छह साल में प्रदेश की बेरोजगारी दर चार गुना बढ़ी। पिछले छह वर्षों में उत्तराखंड की बेरोजगारी दर में करीब चार गुना से अधिक वृद्धि हो गई है। अप्रैल 2016 में बेरोजगारी दर 1.3 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 5.2 प्रतिशत हो गई है।