– लोगों को मिलेगी सस्ती और गुणवत्तायुक्त मोबाइल सेवा: आलोक जयमल सीजीएम
– निगम अपने वादे पर खरा उतरा तो निजी कंपनियों के महंगे प्लान से बच सकेंगे लोग
पहाड़ का सच देहरादून।
उत्तराखंड के दुर्गम और सीमांत क्षेत्रों के लोगों को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण मोबाइल सेवा देने के लिए बीएसएनएल ने 600 मोबाइल टावर लगाने की योजना बनाई है। इससे राज्य के 2700 गांवों में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिलेगी। इस पर पचास फीसद काम पूरा होने के साथ कुछ स्थानों पर ट्रायल भी चल रहा है।
गुरुवार को बीएसएनएल के नए मुख्य महाप्रबंधक आलोक जयमल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीएसएनएल स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देते हुए उपभोक्ताओं को 4जी सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे भारत के टेलीकॉम तकनीक के विकास में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि बीते कुछ सालों में बीएसएनएल ने अपने नेटवर्क के सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
गांवों में मोबाइल नेटवर्क का जाल बिछाने के साथ बीएसएनएल सीमांत क्षेत्रों में तैनात जवानों को संचार और इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल टावर लगाएगा। भारत सरकार की वाईब्रेंट
विजेल योजना के तहत पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी, मुनस्यारी, धारचूला, कनालीछीना, जोशीमठ व भटवाड़ी के 51 गांवों को मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत नेट परियोजना के तहत उत्तराखंड के छह हजार गांवों को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जा रहा है। इसमें से 30 ब्लॉकों के 1849 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा चुका है। पत्रकार वार्ता में महाप्रबंधक ओम प्रकाश कनौजिया, महाप्रबंधक महेश सिंह निखुर्पा, रवींद्र सिंह तोमर मौजूद रहे।
बीएसएनएल को 22 दिनों में मिले 50 हजार ग्राहक
निगम ने दावा किया है कि निजी कंपनियों के टैरिफ बढ़ने के बाद राहत पाने के लिए मोबाइल उपभोक्ता बीएसएनएल का हाथ थाम रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो जुलाई के 22 दिनों में 50 हजार से अधिक लोगों ने बीएसएनएल को चुना है। इनमें वह उपभोक्ता भी शामिल हैं, जो अभी तक निजी टेलीकॉम कंपनियों की सुविधा ले रहे थे। इसके साथ ही उत्तराखंड में बीएसएनएल के ग्राहकों की संख्या पांच लाख के पार पहुंच गई है।