पहाड़ का सच कोटद्वार।
उत्तराखंड के महापर्व हरेला के अवसर पर कोटद्वार बलूनी पब्लिक स्कूल परिसर में फलदार तथा औषधीय गुणों वाले वृक्ष रोपित किए गये। हरेला का पर्यावरण पर्यावरण संरक्षण को लेकर जनचेतना वृक्षारोपण को समर्पित है, तथा इसी उपलक्ष्य में प्रदेश भर के विद्यालयों में हरेला का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया।
आयोजित कार्यक्रम में बलूनी पब्लिक स्कूल के अध्यापकों/ अधिकारियों/ छात्रों ने औषधीय महत्व के वृक्षों के साथ ही औषधीय महत्व के वृक्षों का रोपण किया। विद्यालय की डायरेक्टर अभिलाषा भारद्वाज ने पर्यावरण संरक्षण को आज दुनिया के सामने गम्भीर चुनौती बताया, उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों की स्थापना सड़क निर्माण आवासीय कालोनियों की स्थापना के लिए सदैव वृक्षों की क्षति सबसे अधिक होती है काटे गये वृक्षों की जगह नये वृक्षों का रोपण उस मात्रा में नही होता जितने वृक्षों का पातन किया जाता है। वृक्ष पृथ्वी के आभूषण है, प्राणदायिनी आक्सीजन गैस वृक्षों के माध्यम से जीवों को मिलती है, वृक्ष हमे फल देते हैं औषधियाँ देते हैं इमारतों के लिए लकड़ी सब वृक्षों से मिलता है अतः मानव जीवन में वृक्षों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।
आज औद्योगीकरण के फलस्वरूप जिस प्रकार कार्बन उत्सर्जन बढ़ रहा है उससे पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है तथा गंभीर पर्यावरण संकट उत्पन्न हो रहा है पृथ्वी का तापमान बढने से स्थलीय तथा जलीय जीवन को संकट पैदा हो गया है जिसका एकमात्र उपचार वृक्षारोपण को महापर्व बना कर इसे जनांदोलन बना दिया जाए जितनी जनसंख्या उससे अधिक वृक्षों को पृथ्वी पर विकसित किया जाए तभी पृथ्वी को तथा जीवन को सुरक्षित किया जा सकता है।