पहाड़ का सच हल्द्वानी।
हल्द्वानी की हर्षिका पंत को कृष्ण की ऐसी लगन लगी कि उन्हीं को अपना स्वामी मान कर उन्हीं से विवाह करने की रट लगाई है।
बुधवार को मुरली मनोहर संग उनके विवाह के मांगलिक कार्य शुरू हुए। वहीं गुरुवार को गाजेबाजे के साथ बारात आएगी और उनकी शादी रस्में पूरी होंगी। हल्द्वानी के आरटीओ रोड स्थिति इंद्रप्रस्थ कालोनी फेज तीन निवासी पूरन चंद्र पंत की पुत्री हर्षिका दिव्यांग हैं।
मूल रूप से बागेश्वर के रहने वाले पूरन चंद्र पंत वर्ष 2020 से हल्द्वानी में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेटी बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण की भक्त हैं। जब वह आठ वर्ष की थी तो उसे स्वप्न में कान्हा के दर्शन हुए और उसने यह बात अपनी माता मीनाक्षी पंत के साथ साझा की। तभी से उसका आकर्षण मुरली मनोहर की ओर हुआ। वह जब 10 वर्ष की हुई तो कान्हा के लिए करवाचौथ का व्रत रखना प्रारंभ किया और तब से प्रतिवर्ष व्रत रखती हैं।
प्रभु के प्रति आकर्षण के बीच हर्षिका ने कान्हा संग विवाह की बात कही। बेटी की इच्छा और भक्ति को देख स्वजन भी राजी हो गए। पूरन पंत ने बताया कि पुरोहित से विधान पूछने पर उन्होंने वृंदावन में विवाह कार्य होने की जानकारी दी। यद्यपि वहां जाकर कार्यक्रम करना संभव नहीं था तो स्वजन एक जुलाई को प्रेम मंदिर वृंदावन गए। वहां भगवान के नाम कार्ड दिया और प्रक्रिया सम्पन्न करवा कर श्रीकृष्ण की प्रतिमा लेकर तीन जुलाई को हल्द्वानी पहुंचे।
शादी में आमंत्रित करने के लिए कार्ड भी छपवाए हैं। बुधवार को शुभ लग्नानुसार घर पर भगवान की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई और विवाह विधि से जुड़े अन्य कार्यक्रम किए। साथ ही धूमधाम से महिला संगीत का कार्यक्रम हुआ।
इसमें स्थानीय लोगों ने भी उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। अब सभी बरात को लेकर उत्साहित हैं। हर्षिका के पिता पूरन चंद्र पंत ने बताया कि उन्हें वर्ष 2020 में अटैक पड़ा था और शरीर पैरालाइज हो गया। ऐसे में 10 से 15 दिन तक बेहोश रहे। उसके बाद उन्हें होश आया तो बेटी ने कहा कि उनके कान्हा जी ने उन्हें ठीक कर दिया है। इसी के बाद से प्रभु के प्रति श्रद्धा और अधिक बढ़ गई। बताया कि उनका अभी भी उपचार चल रहा है।