पहाड़ का सच देहरादून।
केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत का उपचार के दौरान मंगलवार रात को देहरादून के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया । वह 68 साल की थीं। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को उनके पैतृक स्थान पर होगा।
विधायक शैलारानी दो दिन से मैक्स अस्पताल में वेंटिलेटर पर थीं। रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर के बाद हुई सर्जरी के बाद से वह उभर नहीं पाई थी। वर्ष 2017 में विस चुनाव प्रचार के दौरान शैलारानी रावत गिर गई थीं, जिससे उन्हें आंतरिक चोट आई थी। चोट से मांस फटने के कारण उन्हें कैंसर भी हो गया था। करीब तीन वर्ष तक चले इलाज के बाद वह स्वस्थ्य होकर अपने घर लौटी और फिर से राजनीति में सक्रिय हो गईं।
कुछ माह पूर्व ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ की सीढ़ियों से गिरने के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर आ गया था। परिजनों द्वारा उन्हें हायर सेंटर ले जाया गया, जहां उनकी सर्जरी की गई, पर वह सफल नहीं हो पाईं। दो दिन से वह जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थीं। श्रीमती रावत ने राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू किया था और 2012 में वह विधानसभा पहुंची थीं। हरीश रावत की सरकार के दौरान कांग्रेस में हुई बगावत के समय शैलारानी भी पार्टी के नौ वरिष्ठ विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गईं।
भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनाव में उन्हें केदारनाथ सीट से टिकट दिया था, लेकिन वह हार गई थीं। 2022 में पार्टी ने उन्हें फिर प्रत्याशी बनाया। तब शैलारानी ने जीत दर्ज की थी।