पहाड़ का सच नैनीताल।
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने ऋषिकेश के सौंदर्यकरण कार्यो में 10 करोड़ रुपये के घोटाले संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ऋषिकेश नगर निगम और राज्य सरकार से 19 जून तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
बताते चलें कि ऋषिकेश निवासी आशुतोष शर्मा ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि ओ.एन.जी.सी.ने सी.एस.आर.(कंपनी सोशियल रिस्पांसबिलिटी) फंड से 10 करोड़ रुपये सौन्दर्यकरण के लिए ऋषिकेश नगर निगम को दिए थे। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एम.सी.पंत ने बताया कि इसका ठेका नगर निगम ने पाल फाउंडेशन को दिया था, जिसपर फाउंडेशन ने उक्त धनराशि का दुरुपयोग कर कई तरह की अनियमितता बरती। इसके कारण जल संस्थान के एक कर्मचारी को जान भी गंवानी पड़ी।
याचिकाकर्ता का कहना है कि ठेकेदार ने बिजली के पोलों को पहले से लगे पोल के पास ही लगा दिया। टेंडर की डेट में भी फेरबदल किया गया है और कई अन्य कई प्रकार की अनियमितताएं की गई हैं, जिसकी जांच की जानी चाहिए।